भोपाल। पिछले दिनों मप्र में हुई सरपंच, सचिवों की हड़ताल को दवाब बनाकर तोड़ने में नाकाम रही शिवराज सिंह सरकार ने उन्हे आश्वासन देकर वापस भेज दिया था। सरकार की तरफ से वादा किया गया था कि 29 जनवरी को मुख्यमंत्री खुद उनकी मांगों को पूरा करने का ऐलान करेंगे परंतु ऐसा नहीं हुआ। अब गुस्साए सरपंच, सचिव फिर से आंदोलन की रणनीति बना रहे हैं।
मप्र पंचायत स्तरीय कर्मचारी महासंघ के दिनेश शर्मा ने बताया कि 29 जनवरी को मुख्यमंत्री मांगों को पूरा करने की घोषणा करने वाले थे। सीएम हाऊस में हुई चर्चा में यह तय हुआ था लेकिन कुछ नहीं हुआ। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार तीन बार झूठे आश्वासन देकर सरपंच, सचिवों की हड़ताल स्थगित करवा चुकी है।
बता दें कि पिछली दफा मध्यप्रदेश में हुई सरपंच, सचिवों की हड़ताल को तोड़ने के लिए काफी प्रयास किए गए थे। पहले सचिवों का प्रभार रोजगार सहायकों को देने का आदेश आईएएस राधेश्याम जुलानिया की ओर से जारी कर दिया गया। इससे हड़ताल और तेज हुई तो सरपंचों का प्रभार उपसरपंचों को देने का आदेश जारी किया गया। इस आदेश के साथ ही सरकार कानूनी पेंच में फंस गई थी। अत: आश्वासन देकर हड़ताल को स्थगित करा दिया गया। PANCHAYAT | MP | SARPANCH | SACHIV | HADTAL | PROTEST |