भोपाल। भोपाल, जबलपुर और कोटा के अंतर्गत आने वाले 300 स्टेशनों पर सॉफ्ट ड्रिंक्स की बिक्री पर रोक लगा दी है। यह रोक राज्यसभा में केंद्रीय स्वास्थ्य राज्यमंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते द्वारा पेश की गई एक रिपोर्ट के आधार पर पश्चिम मध्य रेलवे ने लगाई गई है। यह निर्णय लेने वाला पमरे देश का पहला रेलवे जोन बन गया है। हालांकि, अभी स्टॉल पर कोल्ड ड्रिंक का स्टॉक है, इसकी चेकिंग करके बंद करने के लिए कहा जा रहा है। पमरे ने रेलवे बोर्ड को भी पत्र लिखकर दूसरे 16 रेल जोन में भी सॉफ्ट ड्रिंक्स की बिक्री पर रोक लगाने का अनुरोध किया है। पत्र में पमरे ने स्टेशनों पर मिल्क और हेल्थ ड्रिंक (फ्रूट जूस) की बिक्री बढ़ाने की बात पर जोर दिया है।
सॉफ्ट ड्रिंक्स के नुकसान
सांसदों और मंत्रियों के स्वास्थ्य का ख्याल रखते हुए 2003 में पार्लियामेंट कमेटी ऑन फूड मैनेजमेंट इन पार्लियामेंट कॉम्प्लेक्स ने ये ऑर्डर जारी किया था। अक्टूबर 2016 में स्वास्थ्य मंत्रालय और ड्रग टेक्निकल एडवाइजरी बोर्ड ने 5 कोल्ड ड्रिंक (पेप्सी, कोकाकोला, माउंटेन ड्यू, स्प्राइट और सेवन अप) के सैंपल लिए गए थे। इन्हें जांच के लिए कोलकाता के नेशनल टेस्ट हाउस भेजा गया था। जांच के दौरान इनमें लेड, क्रोमियम, कैडमियम और डाई पैथलेट की पुष्टि हुई थी, जो की खतरनाक बीमारियों के कारक बताए गए थे। रिपोर्ट के अनुसार कमरे के तापमान पर लेड, क्रोमियम, कैडमियम और डाई पैथलेट जैसे तत्व बोतलों में घुल जाते हैं। ये सभी तत्व सेहत के लिए हानिकारक होते हैं। हार्वर्ड स्कूल ऑफ पब्लिक हैल्थ की स्टडी से पता चला है कि सॉफ्ट ड्रिंक्स न सिर्फ मोटापा बढ़ाते हैं, बल्कि स्वास्थ्य के लिए भी हानिकारक होते हैं। इनके लगातार सेवन से डायबिटीज, कैंसर और दिल की बीमारियां होती है।
कोल्ड ड्रिंक्स से कैंसर, मोटापा और दिल की बीमारियां
सॉफ्ट ड्रिंक्स के ज्यादा इस्तेमाल से मोटापा बढ़ता है। सॉफ्ट ड्रिंक्स दिमाग के रासायनिक कंपोजीशन पर बुरा असर डालते हैं। इससे डिप्रेशन और तनाव के शिकार हो सकते हैं। सॉफ्ट ड्रिंक्स में मौजूद शुगर और अन्य तत्व डायबिटीज, कैंसर और दिल की बीमारियों को जन्म देती है। इसके ज्यादा इस्तेमाल से किडनी की सक्रियता पर असर पड़ता है। इससे शरीर का पूरा फंक्शन बिगड़ जाता है।