
बता दें कि पूर्वमंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा व्यापमं घोटाले के आरोपी हैं एवं लंबे समय तक जेल में रह चुके हैं। उनकी गिरफ्तारी से लेकर उनकी जमानत तक हर कदम पर सीएम शिवराज सिंह की राजनीति चलती रही। जेल से बाहर आने के बाद भी लक्ष्मीकांत को भाजपा में कोई स्थान नहीं दिया गया। एक तरह से शिवराज सिंह ने उन्हे भाजपा से बेदखल कर दिया लेकिन विदिशा समेत कई इलाकों में उनकी आज भी अच्छी पकड़ है। समर्थकों का हुजूम कम नहीं हुआ है। लोग जानते हैं कि उन्होंने जो भी किया शिवराज सिंह के आदेश और संगठन के लिए किया।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह की ब्राह्मण विरोधी नीति के चलते मप्र का ब्राह्मण समाज भाजपा से नाराज है। ये साजिश हो या इत्तेफाक लेकिन सीएम शिवराज सिंह ने धीरे धीरे करके सभी ब्राह्मण नेताओं को घर बिठा दिया है। ब्राह्मण मंत्रियों के पास भी ताकत नहीं बची है। यूपी में भी मप्र का ब्राह्मण समाज भाजपा विरोधी वोट की अपील कर रहा है। ऐसे में संघ प्रमुख द्वारा लक्ष्मीकांत शर्मा को मिलने के लिए बुलाना भाजपा पर लग रहे जातिवाद के कलंक को मिटाने की दिशा में एक कदम कहा जा सकता है।