नई दिल्ली। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने रविवार को एक संगठन के प्रतिनिधियों से श्रीमद्भागवत गीता की प्रति स्वीकार करने से मना कर दिया। चंदा बंद सत्याग्रह नाम की संस्था दिल्ली स्थित उनके आवास पर गई थी। संगठन ने विरोध करते हुए बताया कि केजरीवाल ने पंजाब चुनाव में 21 आपराधिक छवि के उम्मीदवारों को टिकट दिया था। इसका वे विरोध कर रहे हैं।
सीएम के आवास के बाहर संगठन के लोगों ने नारे भी लगाए। पुलिस ने संस्था के संयोजक मुनीश रैजादा सहित तीन को अंदर जाने की इजाजत दी। इसके बावजूद केजरीवाल इन लोगों ने नहीं मिले। रैजादा ने कहा कि वो अपने साथ गीता लाए थे, लेकिन सीएम ने लेने से ही मना कर दिया।
संगठन ने लगाए आरोप
उनके अनुसार 21 में से नौ उम्मीदवारों पर गंभीर आरोप हैं। उन पर रेप, मर्डर, चोरी और अपहरण के मामले दर्ज हैं। संगठन की ओर से बताया गया कि श्रीमद्भागवत गीता के जरिए वे केजरीवाल को कर्म का संदेश देना चाहते थे, ताकि उन्हें अपनी जिम्मेदारी का अहसास हो सके।
आप पर ड्रामे का आरोप
उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी राजनीति में बड़े-बड़े दावे करने के बाद आई थी। लेकिन अब सभी दावों की धज्जियां उड़ा दीं। संस्था का दावा है कि आप का टॉप लीडरशीप धोखेबाजों का मास्टर बन चुका है। वे बड़े-बड़े ड्रामे करती है। भ्रष्टाचार को भावनात्मक ड्रामे से छिपाने की कोशिश करती है।