
अब यह फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं और लोग शिवराज सिंह सरकार पर 'धर्म के बहाने राजनीति चमकाने' का आरोप लगा रहे हैं। खुद को धर्म पारायण एवं नर्मदा भक्त प्रमाणित करने के प्रयास में शिवराज सिंह धर्मप्रेमियों के ही निशाने पर आ गए हैं। इस तरह की घटनाओं पर कानून कोई आपत्ति नहीं उठाता लेकिन शास्त्र कहते हैं कि आस्था से जुड़े चित्र व प्रतिमाएं आदि, साफ स्वच्छ एवं सुगंधित स्थानों पर ही स्थापित की जानी चाहिए।
कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता केके मिश्रा ने कहा कि क्या आरएसएस चीफ मोहन भागवत राज्य सरकार से माँ नर्मदा, जगतगुरू आदि शंकराचार्य और हिन्दुओं के इस अपमान को लेकर कैफियत लेंगे? हिन्दू समागम में भाग लेने वाले भागवत स्वयं भी यह स्पष्ट करें कि उनकी निगाह में राज्य सरकार का यह कृत्य हिन्दू समुदाय का सम्मान है या अपमान?