गुरुग्राम/नूंह। उत्तर भारत के तीन राज्यों हरियाणा, पंजाब और हिमाचल प्रदेश के 110 गांवों में लड़कों को अब अगर शादी करनी हो तो उन्हे एक नियम का पालन करना पड़ेगा। इन राज्यों के युवकों को दुल्हन पाने के लिए पहले घर में शौचालय बनवाना जरूरी हो गया है। नूंह के तिवारा में हुई 1200 गांवों की पंचायत में गुरुवार को यह तय किया कि लोग उनकी बेटियों की शादी उस घर में बिल्कुल नहीं करेंगे जिस घर में शौचालय नहीं हैं।
पंचायत ने यह भी तय किया कि इन गांवों में होने वाली शादियों में न तो किसी तरह की शराब परोसी जाएगी और ना ही डीजे बजेगा क्योंकि इस सब का खर्च अक्सर लड़की के परिवार को वहन करना पड़ता है। 100 मौलानाओं और उलेमाओं की मौजूदगी में हुई इस पंचायत में तय किया गया कि वो गांवों में लोगों के बीच स्वच्छ भारत अभियान के तहत कैंपेन लॉन्च करेंगे जिसमे सामाजिक बुराइयों को खत्म करने की कसम ली जाएगी।
पंचायत में हिस्सा लेने पहुंचे एक मौलाना याहमा करिमी के अनुसार खुले में शौच ना सिर्फ बुरी आदत है बल्कि बीमारी भी फैलाती है। इसके साथ ही यह महिलाओं के खिलाफ अपराधों का कारण भी बनती है क्योंकि ज्यादातर महिलाओं को अंधेरे में घर से शौच के लिए निकलना पड़ता है। इसलिए जब तक घर में शौचालय नहीं होगा दुल्हन नहीं मिलेगी।
पंचायत ने शादियों में शराब परोसने के खिलाफ भी बड़ा कदम उठाया है। करिमी ने कहा कि बारात में कोई व्यक्ति अगर शराब के नशे में पाया गया तो काजी दूल्हे का निकाह ही नहीं पढ़वाएगा। इन गांवों में शादी के दौरान डीजे पर नाचने की भी अनुनति नहीं रहेगी क्योंकि इसके चलते खर्च बढ़ता है। तीन घंटे तक चली इस पंचायत में शिक्षा के अलावा अन्य कई मुद्दों पर चर्चा हुई।