महिला के शव के साथ रेप और प्राइवेट पार्ट में पत्थर घुसाने वाले को सजा-ए-मौत

रामबिहारी पांडे/सीधी। घर मे अकेली रह रही महिला के घर घुसकर लूटपाट करने के साथ दुराचार करने फिर हत्या कर खेत मे फेंकने। मौत के बात भी शिव के साथ अप्राकृतिक दुराचार करने के एक आरोपी को फांसी की सजा सुनाई गई है। जवकी दूसरे के नाबालिग होने पर बाल न्यायालय मे प्रकरण अभी भी विचारधीन है। जबकि सुप्रीम कोर्ट ने आदेशित किया है कि इस तरह के गंभीर अपराधों में नाबालिग को भी बालिग मानकर सुनवाई की जाए परंतु शासन की ओर से नियुक्त अधिवक्ता ने सुप्रीम कोर्ट का आदेश न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत नहीं किया अत: मामला बाल न्यायालय में चला गया। 

घटना साढ़े तीन साल पूर्व रामपुर नैकिन थाना के भितरी गांव मे हुई थी। उक्त सजा पुलिस विवेचना व चिकित्सकीय परीक्षण के साथ परिस्थितियों के आधार पर सुनाया गया है। वही अन्य धाराओं मे भी आजीवन कारावास के साथ साथ जुर्माना भी लगाया है। घटना के सम्बंध मे मिली जानकारी के अनुसार रामपुर नैकिन थाना के भितरी गांव निवासी श्रीनिवास शुक्ला की 45 वर्षीय पत्नी सुषमा शुक्ला अकेले रह रही थी। उसका पति श्रीनिवास शुक्ला जिले से बाहर रहकर वाहन चलाकर परिवार का भरण पोषण करता रहा है। 

13 सितंम्बर 2013 की रात गांव का ही आरोपी नागेंन्द्र तिवारी जो सुषमा पर पहले से ही गलत निगाहे जमाये हुए था। बीते वर्ष उसके घर में घुसकर छेडख़ानी करने के प्रयास किये थे तब से वह उससे भयभीत रहती रही है। घटना दिनांक को नागेन्द्र उर्फ लल्ला ने अपने साथी नितेश तिवारी पिता सत्तसूदन तिवारी उम्र 16 वर्ष निवासी भितरी को इस नियत से अपने साथ लेकर मृतका सुषमा के घर पहुंचा की उसके कहने पर सुषमा दरवाजा खोल देगी। आरोपी की सोच उस समय कारगर साबित हो गई जब नितेश के बुलाने पर सुषमा ने घर का दरवाजा खोल दिया। 

जैसे ही दरवाजा खुला अंधेरे में छुपे बैठा नागेन्द्र उसे पकड़कर घर के भीतर ले गया जहां वह उसके साथ दुराचार करने लगा। जिसका विरोध सुषमा ने किया तो साथ में लिये लाठी से उसके सिर सहित शरीर के विभिन्न अंगो में चोट पहुंचाकर मौत की नींद सुला दिया। फिर सुषमा के साथ के साथ रेप किया। इसके बाद दोनों शव को घसीटते हुए खेत में ले गए। यहां पीएम रिपोर्ट में रेप का खुलासा ना हो पाए इसलिए शव के गुप्तांगों मे मिट्टी पत्थर ठूँस दिया।

बाद में घटना को लूट का रूप देने के लिये उसके घर पहुंचा घर में रखी आलमारी से सोने चॉदी के जेवरात, मोबाइल आदि समेट लिये साथ ही घर में बहे खून की धब्बे को मिटाने के लिये पानी से पोंछा भी लगा दिया और सामान लेकर अपने खेत में जाकर गड्ढे में छिपाने के बाद भागने की तैयारी कर रहे थे। तभी पुलिस ने उन्हे गिरफ्तार कर लिया। 

पुलिस ने उनके विरूद्ध धारा 302, 201, 407,376 का अपराध कायमकर न्यायालय में पेश किया था जहां सुनवाई के बाद विद्वान न्यायाधीश आरोपी पर लगे आरोपो को सही पाते हुए हत्या के आरोप मे फांसी की सजा सुनाई है। न्यायाधीश ने अपराध को विरलतम से विरलतम मानते हुए सजा सुनाई है। 

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