कर्मचारी संघ विवाद: रजिस्ट्रार ने द्विवेदी की कार्यकारणी को किया मान्य

भोपाल। मध्यप्रदेश के सबसे अधिक तृतीय वर्ग के सरकारी कर्मचारियों का प्रतिनिधित्व करने वाले संगठन मध्यप्रदेश तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ का विवाद थमने का नाम नही ले रहा है। इस विवाद में एक नया मोड़ ओर आ गया है जब सहायक पंजीयक फर्म्स एवं संस्थाए भोपाल नर्मदापुरम संभाग भोपाल ने अरूण द्विवेदी को मध्यप्रदेश सोसायटी रजिस्ट्रीकरण अधिनियम 1973 की धारा 29 के अंतर्गत धारा 27 में सौंपी गई कार्यकारणी की सत्यापित प्रतिलिपि दिनॉक 2 फरवरी 2017 को सौंप दी। 

सहायक पंजीयक फर्म्स एवं संस्थाए भोपाल नर्मदापुरम संभाग भोपाल द्वारा मध्यप्रदेश सोसायटी रजिस्ट्रीकरण अधिनियम 1973 की धारा 29 के अंतर्गत धारा 27 में सौंपी गई कार्यकारणी की सत्यापित प्रतिलिपि के आधार पर ही ओम प्रकाश कटियार ने मध्यप्रदेश तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ के प्रांताध्यक्ष का दावा कर सामान्य प्रशासन विभाग से परामर्शदात्री समिति की बैठक हेतु अपना नाम जुडवा लिया था। अब ओम प्रकाश कटियार का दावा कमजोर हो गया है। सहायक पंजीयक फर्म्स एवं संस्थाए भोपाल नर्मदापुरम संभाग भोपाल संघ की जांच को उलक्षाये रखकर संघ के विवाद को गहरा रहे है।

अरूण द्विवेदी द्वारा माननीय उच्च न्यायालय में दायर याचिका में न्यायालय में उपस्थित न होने के कारण खारिज कर दी गई। अरूण द्विवेदी का कहना है कि उन्होने धारा 29 में सत्यापित प्रतिलिपि प्राप्त करने हेतु ही याचिका दायर की थी। जब उन्हें यह जानकारी सहायक पंजीयक फर्म्स एवं संस्थाए भोपाल नर्मदापुरम संभाग भोपाल द्वारा मध्यप्रदेश सोसायटी रजिस्ट्रीकरण अधिनियम 1973 की धारा 29 के अंतर्गत उपलब्ध कराई जा रही थी इसके दृष्टिगत उन्होने प्रकरण में रूचि नही ली। 

असमंजस के कारण प्रदेश के कर्मचारियों की न्यायोचित मांगों के लिये लडने वाला संगठन अपनी लडाई में ही उलझ कर रह गया है और प्रदेश के तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी मांगों की पूर्ति एवं उसके लिये आंदोलन न होने के कारण काफी आक्रोशित है।

मध्यप्रदेश तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ के महामंत्री लक्ष्मीनारायण शर्मा ने अपनी प्रतिक्रिया में बताया कि सरकार नई नई स्थितियॉ पैदा कर संगठन को कर्मजोर कर रही है। सहायक पंजीयक फर्म्स एवं संस्थाए भोपाल नर्मदापुरम संभाग भोपाल ने जानबूझ कर मध्यप्रदेश सोसायटी रजिस्ट्रीकरण अधिनियम 1973 की धारा 29 के अंतर्गत 27 में सौंपी गई कार्यकारणी की सत्यापित प्रतिलिपि देने में विलम्ब किया और अब वे प्रचलित जांच को भी लटका रहे है। उन्हाने कहा कि सहायक पंजीयक को शीघ्र जांच पूरी कर निर्णय करना चाहिये जिससे की संघ कर्मचारियों की न्यायोचित मांगों के लिये मजबूती से कार्य कर सकें। 

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