भोपाल। देवास राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के प्रचारक सुनील जोशी हत्याकांड में साध्वी प्रज्ञा सिंह समेत सभी आरोपियों के बरी हो जाने के बाद यह मामला एक बार फिर सुर्खियों में आ गया है। कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि संघ प्रचारक की हत्या संघ से जुड़े लोगों ने ही कराई थी, क्योंकि वो बम धमाकों का मास्टर माइंड था और यदि उसे गिरफ्तार कर लिया जाता तो संघ के कई छिपे हुए राज खुल सकते थे। प्रवक्ता केके मिश्रा ने सवाल किया कि जब सभी आरोपी बरी हो गए तो सरकार को यह बताना चाहिए कि आखिर उनकी हत्या किसने की थी। हत्यारे अब तक खुले क्यों घूम रहे हैं। क्या इस केस की फाइल फिर से ओपन की जाएगी।
प्रदेश कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता केके मिश्रा ने देवास जिले में 29 सितम्बर 2007 को संघ प्रचारक सुनील जोशी के हत्याकांड से जुड़े साध्वी प्रज्ञा सहित आठों आरोपियों को देवास की जिला न्यायलय द्वारा विरोधाभाषी साक्ष्यों के चलते बुधवार को बरी कर दिए जाने पर राज्य सरकार को घेरते हुए पूछा है कि आखिरकार जोशी की हत्या हुई है या नहीं, नहीं हुई तो वे कहां हैं, यदि हुई है तो हत्या किसने की और यदि प्रदेश में कानून का राज कायम है (जैसा कि बार-बार दोहराया जाता है) तो इससे जुड़े आरोपी बरी कैसे हो गए?
मिश्रा ने सरकार से यह भी पूछा है कि जोशी की हत्या के एक साल बाद 2008 में पुलिस ने किसके निर्देश पर देश में हुए विभिन्न बम धमाकों में आरोपित जोशी की हत्या से जुड़े मामले का खात्मा कर दिया था ?
श्री मिश्रा ने एक बार फिर दोहराया है कि इस बात में कोई संदेह नहीं है कि संघ प्रचारक सुनील जोशी विभिन्न बम धमाकों का ना केवल ‘‘मास्टर माइंड’’ था, बल्कि उनमें शामिल भी था और इन धमाकों को लेकर देश में जाँच एजेंसियों द्वारा की गई कई गिरफ्तारियों के बाद इन धमाकों के और भी राज न खुल सकें लिहाजा, संघ से जुड़े लोगों ने ही उसकी हत्या करवाई थी।
इस बात की पुष्टि पुलिस द्वारा किये गए खात्मे, साक्ष्यों में हुई गड़बडि़यों और आरोपियों के बरी हो जाने से स्पष्ट हो गई है? वैसे भी जो सरकार अपने पितृ संगठन के प्रचारक की मौत का पर्दा नहीं हटा सकी, लानत है उसके कानून के राज की मौजूदगी के कथित दावों पर ? श्री मिश्रा ने यह भी यक्ष प्रश्न किया है कि प्रज्ञा को लेकर जो बयान जोशी की भतीजी ने सार्वजानिक किया था उस पर सरकार और पुलिस ने चुप्पी क्यों साध ली थी?