
महाशिवरात्रि पर देशभर से आए लाखों श्रद्धालुओं को महाकाल के सुलभ दर्शन कराने के लिए मंदिर समिति ने गर्भगृह में सामान्य और वीआईपी प्रवेश बंद करने का निर्णय लिया था। अन्य मंत्रियों व नेताओं ने तो इसका पालन करते हुए बेरिकेड्स से दर्शन कर लौट गए, लेकिन दोपहर 12.30 बजे आई उमा भारती को जब नंदीगृह से दर्शन करने का आग्रह किया तो वे नाराज हो गई। वे दोपहर 12.30 बजे मंदिर पहुंची। प्रशासन की ओर से CSP शकुंतला रुहाल और DSP सुरेंद्रसिंह ने उन्हें महाशिवरात्रि के कारण गर्भगृह में प्रवेश बंद होने की जानकारी दी और नंदीगृह से दर्शन का आग्रह किया लेकिन भारती ने गर्भगृह में जाकर शिवलिंग पर जल चढ़ाने की इच्छा जताई। अधिकारियों ने उन्हें रोक दिया। इस पर वे नाराज हो गईं। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि मैं गर्भगृह में जाकर जल चढाऊंगी, चाहे इसके लिए मुझे 24 घंटे यहां बैठना पड़े। इतना कह कर वे नंदीगृह में तखत पर धरना देकर बैठ गईं। इस बीच अधिकारियों ने उन्हें समझाया कि वरिष्ठ अधिकारियों से मार्गदर्शन मांगा है। कुछ देर में वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देश मिलने पर भारती को अधिकारियों ने गर्भगृह में जाकर जल चढ़ाने की अनुमति दे दी।
महाकाल के मंदिर में कैलाश विजयवर्गीय की दबंगी
कैलाश विजयवर्गीय रात 9 बजे पहुंचे। कोटितीर्थ कुंड के पास उन्होंने सोला पहना। समर्थक साथ थे। वे चांदी द्वार पर पहुंचे। मंदिर कर्मचारी से चाबी मंगाई और ताला खोल कर गर्भगृह में चले गए। उन्हें कोई रोकने वाला भी नहीं था। जो मौजूद थे वे देखते रह गए। करीब 15 मिनट तक कैलाश विजयवर्गीय, उनकी पत्नी और समर्थकों की भीड़ ने महाकाल के पवित्र शिवलिंग को हाईजैक कर लिया। इस बीच लाइन में लगे श्रृद्धालुओं को महाकाल के दर्शन मात्र तक नहीं मिले और उन्हें बिना दर्शन किए आगे बढ़ना पड़ा।
वहीं ऊर्जा मंत्री पारस जैन, सांसद प्रो. चिंतामणि मालवीय, पूर्व मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा व अन्य वीआईपी ने आम श्रद्धालुओं की तरह बेरिकेड्स से दर्शन किए।