
आईआरसीटीसी, सीबीएससी, सीडब्लूसी, कन्टेनर काॅरपोरेशन, दिल्ली जल बोर्ड, आंगवाड़ी, एनडीएमसी, चुनाव विभाग, एलएनजेपी अस्पताल, डीटीसी, आईसीडीएस, डोमेस्टीक ब्रिडिंग चेकरर्स, एमसीडी साउथ, नार्थ एमसीडी, सफाई कर्मचारी, होटल यूनियन, पोस्ट आॅफिस, दिल्ली फुड एण्ड सप्लाई विभाग आदि विभागों के ठेका कर्मचारी प्रातः 10:30 बजे शहीदी पार्क, बहादूरशाह जफर मार्ग, इडियन एक्सप्रैस बिल्डिंग, आईटीओ, नई दिल्ली पर एकत्र हुए तथा रैली में नारे लगाते हुए दिल्ली सचिवालय की ओर मार्च किया. आईटीओ चैक के पास हैरल्ड भवन पर पुलिस बल ने रैली को रोका, जहां पर श्रमिकों की एक सभा हुई. जिसे सीटू की अखिल भारतीय नेता ए.आर. सिन्धु व एम.एल मलकोटिया तथा दिल्ली सीटू राज्य कमेटी के अध्यक्ष वीरेन्द्र गौड व महासचिव अनुराग सक्सेना, उपाध्यक्ष एच.सी. पन्त, कमला, बरसाती, सुरजीत श्यामल, जयंती, कशिश नेगी के अलावा सभी 18 विभागों के नेतागण ने सम्बोधित किया।
दिल्ली स्थित केन्द्र व राज्य सरकार, सार्वजनिक क्षेत्र एवं निजी संस्थानों/कार्यालयों में लाखों की संख्या में कर्मचारी/श्रमिक ठेका/आउटसोर्सिगं/ कैजुअल श्रमिक के तौर पर कार्यरत हैं. इनका भारी शोषण हो रहा है. काम तो ये कर्मी स्थायी स्वभाव का और स्थायी कर्मचारी वाला ही करते हैं लेकिन इन्हें उनके समान वेतन व अन्य सेवा शत्र्ते उनके समान नहीं दी जाती, नौकरी की कोई सुरक्षा नहीं है. देश के सर्वोच्च न्यायालय ने दिनांक 26.10.2016 को निर्णय दिया कि ठेका/ आउटसोर्स/कैजुअल कर्मचारियों को भी "समान काम के लिए समान वेतन" का भुगतान किया जाये।
देश के ठेका कानून 1970 में भी यह प्रावधान है लेकिन देश की केन्द्र व दिल्ली राज्य सरकार एवं किसी भी प्रबंधन ने ठेका/आउटसोर्स/केजुअल कर्मचारियों की समस्याओं के निदान के लिए कोई कदम नहीं उठाये हैं। सेंटर आॅफ इंडियन ट्रेड यूनियन्स(सीटू ) के 15 वें अखिल भारतीय अधिवेशन के इन कर्मचारियों को समान काम के लिए समान वेतन का भुगतान करने तथा इन्हें उनके कार्य स्थल पर स्थायी करने की मांग सरकार से की तथा अपनी समस्त इकाईयों को आह्वान किया कि इनकी समस्याओं के निदान के लिए आंदोलन चलायें।
सभा की ओर से 5 सदस्यीय प्रतिनिधि मंडल ने दिल्ली के मुख्यमंत्री के लिए ठेका/आउटसोर्स/कैजुअल श्रमिकों की मांगों के निवारण तथा मुख्यमंत्री से वात्र्ता की मांग को लेकर एक ज्ञापन दिल्ली सरकार के अतिरिक्त सचिव श्री दीपक विरमानी को सौंपा. अतिरिक्त सचिव महोदय ने आश्वासन दिया कि वे ज्ञापन को मुख्यमंत्री महोदय के समक्ष प्रस्तुत करेंगे।