
उन्होंने कहा कि कर्ज से डूबे प्रदेश में राज्य की जनता की मेहनत, ईमानदारी की गाढ़ी कमाई से बीते 11 सालों में करोड़ों रु. अपनी ब्रांडिग पर खर्च कर देने वाले प्रदेश के मुखिया श्री शिवराजसिंह चौहान ‘‘खेती को तो लाभ का धंधा (सिर्फ विदिशा में अपनी खेती को छोड़) नहीं बना पाये, पर रेती को लाभ का धंधा जरूर बना दिया है।’’

जिसके नीचे बाईं तरफ उनका मोबाईल न. 99939 57851, दाईं और मोबाईल न. 99932 25148 अंकित है, जो किसी महेश धाकड़ (किरार) का है। दूसरे डम्पर में अपना पेट भरने के लिए अवैध धंधे करने हेतु ‘‘चौहान एंटरप्राइज’’ लिखा हुआ है। तीसरा वीडियो जिसमें एक डम्पर जो नसरुल्लागंज रोड (मुख्यमंत्री जी के गृह जिले सीहोर) से वह भी बिना नंबर प्लेट का होकर रेत का अवैध परिवहन कर रहा है, उसे रोकने अथवा पकड़ने की किसी में भी हिम्मत नहीं है।
मिश्रा ने कहा मुख्यमंत्री जी कृपाकर या तो यह बतायें कि रेत के इस अवैध उत्खनन में चिन्हित चेहरे और वाहन किसके हैं या फिर सार्वजनिक तौर पर यह स्वीकारें कि प्रदेश में ‘‘खेती नहीं, रेती लाभ का धंधा है और प्रदेश में ‘‘मेरा गाँव-मेरा देश’’ नारे की तर्ज पर वे अब नया नारा ‘‘मेरी नदी-मेरी रेत’’ ईजाद करें।