
आग लगाए जाने के बाद घर के अंदर लोग काफी देर तक चीखते- चिल्लाते रहे। आग की लपटें कम होने पर संजय पासवान और उनके भाई ने खपरैल छत को तोड़कर दूसरे सदस्यों को बाहर निकाला। संजय पासवान का कहना था कि उन्होंने पत्नी और मां को बुरी तरह जलते देखा, लेकिन बचा नहीं सके। गुरुवार को डीएसपी हीरालाल रवि के नेतृत्व में पुलिस ने गांव पहुंचकर घटना का जायज़ा लिया।
मरने वाली महिलाओं में संजय पासवान की पत्नी और मां शामिल हैं। जबकि उनकी बेटी समेत कई लोग झुलस गए हैं। बेटी को इलाज के लिए डाल्टनगंज सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इसके साथ ही दस लोगों के ख़िलाफ़ प्राथमिकी दर्ज की गई है। इनमें संजय पासवान का एक रिश्तेदार तथा ऊंची जाति के कई लोग शामिल हैं।
पुलिस अधीक्षक के मुताबिक संजय पासवान दूसरे राज्य में मजदूरी का काम करते हैं. वे हाल ही में गांव लौटे थे। जांच में पता चला है कि ज़मीन ख़रीदने और बंटवारे को लेकर विवाद के बाद संजय पासवान के रिश्तेदार और कुछ साधन-संपन्न लोग बदला लेने की फ़िराक में लगे थे। इस बीच पलामू के उपायुक्त ने तरहसी प्रखंड के बीडीओ से तत्काल पीड़ित परिवार को सहायता मुहैया कराने के निर्देश दिए हैं।