जांच पूरी, बीजेपी सांसद रीती पाठक का फैसला अब चुनाव आयोग करेगा

सीधी। स्थानीय सांसद के दोहरे लाभ के पद के दुरूपयोग करने की हुई शिकायत की जांच पूरी कर जिला निर्वाचन अधिकारी ने प्रतिवेदन प्रदेश निर्वाचन पदाधिकारी को भेज दिया है। कलेक्टर द्वारा भेजे गये रिकार्डो का परीक्षण कर प्रदेश निर्वाचन पदाधिकारी ने केन्द्रीय आयोग की ओर कार्यवाही के लिये भेजकर दिया है। प्रतिवेदन जाते ही राजनैतिक सरगर्मी भी तेज हो गई है। सत्ताधारी दल जहां सम्भावनाओं के मद्देनजर जमीन तलाशनी शुरू कर दिया है वहीं पद का उपयोग कर कलेक्टर के प्रतिवेदन को क्लीन चिट देने की अफवाहे भी फैलाई जा रही है। जबकी शिकायतकर्ताओं ने सदस्यता शून्य करने की मांग पर अभी भी अडिग रहते हुए केन्द्रीय निर्वाचन आयोग पर भरोसा जताया है। 

बता दे कि दोहरे लाभ के पद की शिकायत पवई विधायक मुकेश नायक सहित सीधी जिले के रामपुर नैकिन विकास खण्ड के रैदुअरिया निवासी पत्रकार रामबिहारी पाण्डेय ने निर्वाचन आयोग सहित राष्ट्रपति, लोक सभा अध्यक्ष को शिकायत किया था कि जिला पंचायत अध्यक्ष रहते सांसद ने न केवल नांमाकन दाखिल किया था बल्की पूरे चुनाव प्रचार के दौरान अध्यक्ष को मिलने वाली सुविधाओं का दुरूपयोग भी किया। यहां तक कि अध्यक्ष को मिले बंगले का अनवरत प्रयोग किया जा रहा है। 

जिसकी जांच कराने का आदेश केन्द्रीय निर्वाचन आयोग ने प्रदेश निर्वाचन पदाधिकारी को दिया था तो उन्होने जिला निर्वाचन अधिकारी को अधिकृत किया। दो माह तक चले जांच की कार्यवाही व दोनो पक्षों को सुनने के बाद कलेक्टर ने प्रतिवेदन भेज दिया है। जिसके उल्लेखित किया है कि जिला पंचायत अध्यक्ष रहते नांमाकन भरा गया है तो निर्वाचन के बाद मार्च 2014 से मई 2014 तक का मानदेय भी आहरित किया गया है। जिला निर्वाचन अधिकारी ने अपने अभिमत मे लिखा है कि चुनाव के दौरान कोई शिकायत नही कि गई थी तो यह भी लिखा है कि पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष को मिली सुविधाओं का प्रयोग अभी भी किया जा रहा है। सांसद को बंगला आवंटित नही किया गया है। 

कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी ने साफ तौर पर लिखा है कि जिला पंचायत अध्यक्ष का पद लाभ के पद के दायरे मे आता है इसका साफ तौर पर लेख नही मिल रहा है। इस कारण शिकायतकर्ताओं की शिकायतें व प्रतिवादी द्वारा पेश किये गये रिकार्ड कार्यवाही के लिये भेजा जा रहा है। 27 जनवरी को भेजे प्रतिवेदन को प्रदेश निर्वाचन पदाधिकारी एस एस बंसल ने भी अपना अभिमत दर्ज कर केन्द्रीय निर्वाचन आयोग की ओर 31 जनवरी को भेज दिया है जिसकी प्रति शिकायत कर्ता मुकेश नायक के मेल पर भेजा गया है।

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