
यह है पूरा मामला
गुरुवार को कंट्रोल ऑफिस के सभी कर्मचारी बाहर आ गए। उन्होंने ऑफिस के बाहर राजपूत का शव रखकर हंगामा कर दिया। इसके बाद सभी कर्मचारियों ने टूल डाउन कर दिया। इस तरह ट्रेनों का आवागमन ठप हो गया। दोपहर लगभग 1 बजे भोपाल शताब्दी एक्सप्रेस ने झांसी स्टेशन क्रॉस कर लिया था, लेकिन ऑपरेटिंग बंद होने के कारण 4 बजे तक ट्रेन भोपाल नहीं पहुंच सकी।
इसके अलावा भोपाल आने वाली पंजाब मेल, स्वर्णजयंती, झेलम, आदि ट्रेनें भी विलंब से चल रही हैं। दोपहर 2 बजे एनसीआर के चीफ पीआरओ ने हालात सामान्य होने की बात कही। शाम 4 बजे झांसी डीआएम एके मिश्रा ने बताया कि आवागमन शुरू हो गया है।
यहां रहा हाल...
भोपाल रेल मंडल क्षेत्र में शताब्दी और एक एक्सप्रेस ट्रेन ही प्रभावित हुईं। जबकि एक मालगाड़ी को भी मंडल के क्षेत्र अंतर्गत रोका गया। रेल मंडल के प्रवक्ता आईए सिद्दीकी के मुताबिक, बीना और झांसी के बीच पड़ने वाले सेक्शन में मात्र एक एक्सप्रेस ट्रेन को ही करीब 25 मिनट तक रोका गया। वहीं, एक मालगाड़ी को बीना के पास 25 मिनट तक खड़ा करना पड़ा।
इधर, रेल मामलों के विशेषज्ञ व रिटायर्ड एओएम सीएस शर्मा का कहना है कि कंट्रोल रूम के जिन कर्मचारियों का आदर किया जाना चाहिए, उनके साथ अभद्रता किया जाना निंदनीय है। इतना ही नहीं कर्मचारी की मौत का जिम्मेदार कौन होगा। ऐसे अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाना चाहिए। उधर, रेल उपयोगकर्ता व सलाहकार समिति के सदस्य निरंजन वाधवानी ने भी रेलकर्मी की मौत पर शोक व्यक्त किया है। साथ ही कहा है कि अधिकारियों को अपने व्यवहार में सुधार करना चाहिए। अन्यथा कर्मचारियों के आक्रोश का सामना उन्हें करना पड़ सकता है।