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राजनाथ सिंह ने पूरे मसले पर कहा है कि यह पूरी तरह से एआईएडीएमके का अंदरुनी मामला है और इससे केंद्र सरकार का कोई लेना-देना नहीं है। इससे पहले कहा जा रहा था कि केंद्र सरकार इस मामले पर नजर बनाए हुए है।
जानकारों का कहना था कि भाजपा की अगुवाई वाली केंद्र सरकार को सीधे तौर पर तमिलनाडु की राजनीति में दिलचस्पी नहीं है लेकिन केंद्र सरकार के रणनीतिकार मानते हैं कि एआइएडीएमके के साथ मित्रवत संबंध होना चाहिए ताकि राष्ट्रपति चुनाव और राज्यसभा में सरकार को किसी तरह की दिक्कत न आए।
तमिलनाडु में सियासी हलचल के बीच दिल्ली में राजनीतिक स्क्रिप्ट लिखी जा रही है। बताया जा रहा है कि अगर सुप्रीम कोर्ट से शशिकला नटराजन के विरोध में फैसला आता है तो तमिलनाडु की कमान शशिकला कैंप के थंबीदोरई संभाल सकते हैं। इसके अलावा केंद्र सरकार को इस समीकरण पर भी नजर है कि क्या पांडियन और पन्नीरसेलवम धड़ा जयललिता की भतीजी के समर्थन के साथ विधायकों का समर्थन हासिल कर सकते हैं।