बेरोजगार हुए मुलायम वापस लौटे: अब प्रचार करेंगे

नई दिल्ली। सपा के सर्वाधिकारी रहे मुलायम सिंह यादव अपनी बेरोजगारी से बोर होकर वापस सक्रिय होने के मूड में हैं। उन्होंने अखिलेश यादव गठबंधन के लिए प्रचार करने का फैसला किया है। मंगलवार से वो जनसंपर्क शुरू करेंगे। 

मुलायम सिंह यादव ने एक बार फिर अपना स्टैंड बदला है। सोमवार को उन्होंने कहा कि परिवार में कोई विवाद नहीं है और वे कल से ही बेटे अखिलेश के लिए चुनाव प्रचार शुरू करेंगे। बता दें कि 29 जनवरी के बाद यह चौथा मौका है जब मुलायम ने प्रचार के बारे में अलग बयान दिया है। तीन दिन पहले ही उन्होंने कहा था कि वे पहले शिवपाल और उसके बाद अखिलेश के लिए प्रचार करेंगे। बता दें कि यूपी में 11 फरवरी से 7 फेज की वोटिंग शुरू होने जा रही है। 

सोमवार को संसद परिसर में मीडिया ने अमर सिंह के बारे में जब मुलायम से सवाल किए तो उन्होंने कहा, ''अमर सिंह नाराज नहीं हैं। कोई मतभेद नहीं है। वहीं, शिवपाल के नाराज होने के सवाल पर मुलायम ने कहा, ''शिवपाल नाराज नहीं हैं। कौन है नाराज? कोई भी नहीं है।

पहले 6 फरवरी से प्रचार करने की कही थी बात
बता दें, इससे पहले 3 फरवरी को मुलायम ने कहा था, ''मैं 9 फरवरी से जसवंतनगर से शिवपाल के लिए चुनाव प्रचार शुरू करूंगा, अखिलेश के लिए बाद में प्रचार करूंगा। उसके पहले 29 जनवरी को मुलायम ने सपा-कांग्रेस अलायंस के लिए चुनाव प्रचार करने से साफ इनकार कर दिया था लेकिन फिर 1 फरवरी को दिल्‍ली में मुलायम से जब मीडिया ने पूछा कि क्‍या सपा-कांग्रेस के कैंडिडेट्स के साथ उनका आशीर्वाद है तो इस पर उन्‍होंने कहा था- ''हां बिल्‍कुल।''

रामगोपाल ने कहा था- कोई प्रचार करे न करे, फर्क नहीं पड़ता
अखिलेश गुट के रामगोपाल यादव ने 1 फरवरी को इटावा में कहा था, ''शिवपाल समर्थक कैंडिडेट पूरे प्रदेश में हारेंगे। इससे पहले 31 जनवरी को रामगोपाल ने मुलायम पर कमेंट करते हुए कहा था, ''सपा का प्रचार कौन करता है, कौन नहीं, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है।

11 मार्च के बाद बनाएंगे नई पार्टी: शिवपाल
वहीं, शिवपाल यादव ने 31 जनवरी को इटावा में जनसभा के दौरान कहा था कि वे 11 मार्च के बाद नई पार्टी बनाएंगे। उन्‍होंने आगे कहा था, "हमने पर्चा भर दिया है। आज हम जो भी हैं, नेताजी के वजह से हैं। बहुत से लोगों ने कहा कि वे जो कुछ हैं नेताजी के वजह से हैं और उन्‍हीं लोगों ने नेताजी को अपमानित करने का काम किया। शिवपाल ने कहा था, "जो चाहो मुझसे ले लो, लेकिन मैं नेताजी का अपमान बर्दाश्‍त नहीं कर सकता। मरते दम तक नेताजी के साथ रहूंगा और उनका आदेश मानूंगा। मेहरबानी हो गई जो टिकट दे दिया, वरना निर्दलीय चुनाव लड़ना पड़ता।

गठबंधन के खिलाफ थे मुलायम
29 जनवरी को राहुल-अखिलेश की ज्‍वांइट प्रेस कॉन्‍फ्रेंस और रोड शो के बाद मुलायम ने एक न्‍यूज एजेंसी से बातचीत की थी। उस दौरान मुलायम ने कहा था, "मैं इस समझौते के खिलाफ हूं। मैं कैम्पेन में भी हिस्सा नहीं लूंगा। मैं कार्यकर्ताओं से अपील करता हूं कि वो अलायंस के खिलाफ खड़े हों और जनता तक अपनी बात पहुंचाएं। सपा तो अपने दम पर भी लड़ती तो चुनाव जीत जाती। इस अलायंस की तो जरूरत ही नहीं थी।

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