रायसेन। 45 वर्षीय अधेड़ वहशी दरिंदा हो गया था। पहले उसने बड़ी बेटी का रेप किया। लोकलाज के डर से रिपोर्ट नहीं लिखाई तो उसकी हिम्मत बढ़ गई। अब वो छोटी बेटी का रेप करने आ गया था। आदिवासी दंपत्ति से यह अपमान बर्दाश्त नहीं हुआ तो उन्होंने अधेड़ की हत्या कर दी और लाश नाले में फैंक दी।
सुल्तानपुर थाना प्रभारी जयपाल इनवाती ने बताया कि 24 जनवरी को गाडा गांव के जंगल में एक व्यक्ति की लाश मिली थी। इस व्यक्ति की पहचान 45 वर्षीय ओमप्रकाश विश्वकर्मा उर्फ डल्लू, पुत्र जमना प्रसाद विश्वकर्मा निवासी चंपानेर के रूप में हुई थी। इसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट 21 जनवरी को उसकी पत्नी आशा बाई विश्वकर्मा निवासी मंडीदीप ने सुल्तानपुर थाने में दर्ज कराई थी। इस व्यक्ति की हत्या एक जनवरी को ही कर दी गई थी।
यह बात हत्या के आरोप में गिरफ्तार सुनीता बाई और उसके पति मदनलाल आदिवासी हाल निवास गाड़ा ने स्वीकार की है। हत्या की घटना को अंजाम देने के बाद यह दंपत्ति फरार हो गया था। इनको पकड़ने के लिए पुलिस दल ने छिंदवाड़ा, गाडरवारा और होशंगाबाद सहित अन्य स्थानों पर दबिश दी थी। इस आरोपियों को पकड़ने में थाना इंचार्ज जयपाल इनवाती, सब इंस्पेक्टर कमल सिंह राजपूत, एएसआई सीपी तिवारी और प्रधान आरक्षक तेजबहादुर चंदेल ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
तीन दिन तक लाश के ऊपर डालते रहे मिट्टी
हत्या की वारदात को अंजाम देने के बाद शव को साड़ी से बांधकर उसे नाले में ले जाकर गाड़ दिया था। रात में जंगली जानवरों ने उसे उखाड़ दिया। दूसरे दिन जब वे मौके पर पहुंचे तो लाश ऊपर दिखाई दी। इस कारण उस पर फिर से मिट्टी डालकर दबा दिया। यह क्रम वे तीन-चार दिन तक लगातार करते रहे। गांव में पुलिस दिखने और गिरफ्तार होने के डर से वे गांव से भाग गए।
दो साल पहले आरोपी ने बड़ी बेटी से की थी ज्यादती
मृतक ओमप्रकाश विश्वकर्मा ने दो साले पहले आदिवासी दंपत्ति के बड़ी बेटी के साथ ज्यादती की थी। उस समय उन्होंने इसकी रिपोर्ट थाने में दर्ज नहीं कराई थी। इसी कारण वह दूसरी बार हरकत करने के उद्देश्य से उनके घर पहुंच गया और छोटी बेटी को उठाकर ले जाने लगा तो सुनीता ने उसे मौत के घाट उतार दिया।