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नगरोदय सम्मेलन में नगर निगम द्वारा उन 3200 लोगों को भी अधिकार पत्र दिये जाने थे जिन्हें बीएसयूपी (बेसिक सर्विस फार अरबन पुअर) के तहत मकान वितरित किए जा चुके हैं। नगर निगम की ओर से इन हितग्राहियों को लगातार तीन दिन से फोन कर सम्मेलन में पहुंचने के लिए कहा जा रहा था। हितग्राही पहुंचे भी और सुबह से ही भूखे-प्यासे काउंटर के सामने बैठा रहा। लोगों का उम्मीद रही कि कार्यक्रम के बाद उन्हें अधिकार पत्र सौंपा जाएगा लेकिन जब मुख्यमंत्री रवाना हो गए और काउंटर में कोई नहीं पहुंचा तब लोगों का गुस्सा भड़क गया।
गुस्साई भीड़ ने सबसे पहले काउंटर के होर्डिंग तोड़े फिर टेबल-कुर्सी निकालकर फेंक दिए। भीड़ में महिला-पुरुष दोनों शामिल रहे जो फर्जीवाड़ा बंद करो के नारे लगा रहे थे। करीब 15 मिनट तक यह घटनाक्रम चलता रहा। इसकी वजह से सम्मेलन स्थल में खासी भीड़ लग गई लेकिन इसके बावजूद एक भी अधिकारी भीड़ को समझाने नहीं पहुंचा। एक पुलिस कर्मी जरूर लोगों के बीच पहुंचा और उन्हें समझाने की कोशिश करता रहा, लेकिन लोग नहीं माने और नाराबाजी करते रहे। तोड़फोड़ करने के बाद लोग अपना विरोध दर्ज कराकर खुद रवाना हो गए।