डिस्काउंट प्राइज पर कोई टैक्स नहीं लगाया जा सकता: फैसला

नई दिल्ली। नेशनल कंज्यूमर डिसप्यूट रिड्रेसल कमीशन ने कहा है कि 40 फीसद से अधिक डिस्काउंट दे रहे दुकानदार वैट या कोई और कर डिस्काउंट प्राइस पर नहीं लगा सकते हैं। इसमें कहा गया है कि कंज्यूमर गुड्स एक्ट की धारा 2 (d) के अनुसार, छूट एमआरपी पर दी जाती है, जिसमें सभी कर और सेस लगे होते हैं।

NCDRC का यह आदेश पिछले महीने आया था, जब स्टेट फोरम्स ने चंडीगढ़ और दिल्ली में वुडलैंड की फ्रेंचाइजी की याचिका को खारिज कर दिया था। कंपनी ने कस्टमर को फ्लैट 40 फीसदी डिस्काउंट में जैकेट में दिया था। लेकिन 3995 रुपए एमआरपी वाली जैकेट को 40 फीसदी डिस्पकाउंट पर बेचने के बाद उस पर वैट टैक्स के रूप में 119.85 रुपए ले लिए थे। 

NCDRC के प्रेसिडेंट जस्टिस डीके जैन ने कहा कि उपरोक्त विज्ञापन में कस्टमर्स को सस्ती कीमत में सामान खरीदने के लिए आकर्षित किया गया है। यह वास्तविक सौदेबाजी की कीमत नहीं थी और इस तरह से यह अनुचित व्यापार व्यवहार है।

डिस्ट्रिक्ट फोरम्स ने दुकानदारों को निर्देश दिए थे कि वे शिकायतकर्ताओं को 2000 रुपए से 2500 रुपए तक क्षतिपूर्ति देने के अलावा अतिरिक्त पैसे वापस कर दें और कानूनी खर्च जो 1000 रुपए से 2500 रुपए तक है वह भी दें।

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