नई दिल्ली। तमिलनाडु की मुख्यमंत्री रह चुकी जयललिता की मौत के बाद यह भी आरोप लग रहे थे कि उनकी मौत के पीछे शशिकला का हाथ है, लेकिन 2001 में जललिता की नर्स रह चुकी आर पिरामिला विसागन ने इन आरोपों को खारिज कर दिया है। उन्होंने कहा है कि चिनम्मा (शशिकला) और पेरिअम्मा (जयललिता) एक दूसरे के बहुत अच्छे दोस्त थे। दोनों के बीच अच्छे संबंध थे। उन्होंने कहा कि कुछ खबरें आ रही थीं कि चिनम्मा ने पेरिअम्मा को कुछ कर दिया है, जो स्वीकार करने योग्य बात नहीं है। उन्होंने कहा कि इस तरह का कुछ भी उन दोनों के बीच कभी नहीं हुआ।
पिरामिला ने कहा कि चिनम्मा हमेशा यह कोशिश करती थीं कि राजनीति का किसी भी तरह का दबाव कभी भी जयललिता तक न पहुंचे। वह हर परेशानी को जयललिता तक पहुंचने से पहले ही ठीक कर देती थीं और जयललिता का पूरा ख्याल रखती थीं। पिरामिला के सामने आकर किए गए इस खुलासे से यह बात तो साफ होती लग रही है कि जयललिता और शशिकला नटराजन के बीच रिश्ते खराब नहीं थे, बल्कि वह बहुत अच्छे थे।
इसके अलावा पार्टी में चल रहे तनाव पर भी पिरामिला ने अपनी बात कही उन्होंने कहा कि पार्टी में कुछ नेता लगातार अपनी साइड और बयान बदल रहे हैं। वे लोग ऐसा सिर्फ राजनीतिक फायदा उठाने के लिए कर रहे हैं। उनकी इस तरह की हरकत से पार्टी की विश्वसनीयता भी धूमिल हो रही है। उन्होंने कहा कि यह बिल्कुल झूठे आरोप हैं कि जयललिता की मौत के पीछे शशिकला का हाथ है। उन्हें पूरा भरोसा है कि शशिकला ही सरकार बनाएंगी और अभी भी उनके पास विधायकों की संख्या सबसे अधिक है।