
कई दिनों से सवालों के जवाब को लेकर गुमराह करने वाला उदयन आखिरकार पुलिस की मैराथन पूछताछ में टूट गया। गुरुवार रात बांकुड़ा के एसपी सुखेंदू हीरा ने उदयन दास से लंबी पूछताछ की। इस दौरान उससे पूछा गया कि आकांक्षा की हत्या क्यों और कैसे की।
पुलिस के अनुसार उदयन ने बताया कि 14 जुलाई, 2016 को वह आकांक्षा को गाड़ी से घुमाने ले गया था। वापस आने के बाद उसने रात में शराब पी थी। इसके बाद भोपाल के साकेत नगर स्थित एक दुकान से नींद की गोली के दो पत्ते खरीदकर लाया था। उसने नींद की गोली भी खाई थी। रात में सोने के बाद उसने आकांक्षा का मुंह एक प्लास्टिक से ढंक दिया था। इसके बाद उसकी हत्या कर दी थी।
पुलिस का अनुमान है कि हत्या से पहले आकांक्षा के खाने में भी नींद की गोलियां मिलाई गई होंगी। पूछताछ में उदयन परेशान नजर आया। उसने कहा कि बांकुड़ा में ही मेरी आकांक्षा का घर था, इसलिए यहीं पर मुझे फांसी पर लटका दिया जाए। वह अपनी मोहब्बत के शहर में ही मरना चाहता है।
पूछताछ पूरी होने के बाद देर रात करीब ढाई बजे तक उदयन थाने के लॉकर में ही टहलता रहा। शुक्रवार सुबह फिर से उदयन से पूछताछ की गई। उसने बताया कि आकांक्षा 2014-16 के बीच 16 बार भोपाल गई थी। हालांकि पुलिस को अभी कई महत्वपूर्ण सवालों के जवाब का इंतजार है। उधर कोर्ट के आदेश पर गठित एसआईटी की दो टीमों ने भी आकांक्षा हत्याकांड की जांच शुरू कर दी है।
ऐश करने को मां-बाप के अकाउंट से निकाले थे रुपए
प्रेमिका के साथ मां-बाप का भी हत्यारोपी उदयन दास उनके रुपये पर ही ऐश की जिंदगी जी रहा था। पुलिस के अनुसार उदयन ने पूछताछ में बताया कि मां इंद्राणी दास और पिता वीरेंद्र दास की हत्या करने के बाद उसने मां और पिता के बैंक अकाउंट से 28 लाख 22 लाख रुपये निकाले थे।
शान ओ शौकत की जिंदगी जीने के लिए उसने उन रुपयों से एक होंडा सिटी, एक मर्सिडीज कार तथा एक बाइक खरीदी थी। कीमती वाहनों से वह लांग ड्राइव पर जाता था। वह माता-पिता के अकाउंट में बचे 19 लाख रुपये निकालने की फिराक में था। पुलिस का अनुमान है कि शाही जीवन जीने के लिए ही उदयन ने तीन हत्याएं की हैं।