कराची। पाकिस्तान के विदेशी मामलों के सलाहकार सरताज अजीज ने हिंद महासागर में भारत की बढ़ती उपस्थिति और भारतीय नौसेना के विस्तार पर चिंता जताई है। अजीज ने कहा कि पाकिस्तान हिंद महासागर में शांति भंग करने की कोशिशों का करारा जवाब देगा। अजीज ने भारत पर हिंद महासागर का 'परमाणुवीकरण' करने का भी आरोप लगाया। अजीज ने कहा कि भारत द्वारा की जा रही इन कोशिशों के कारण हिंद महासागर में अस्थिरता पैदा होने और वहां की शांति भंग होने का खतरा पैदा हो गया है।
अजीज ने कहा कि भारतीय नौसेना का हिंद महासागर में विस्तार पाकिस्तान के लिए चिंता का विषय है। उन्होंने कहा, 'हिंद महासागर की सुरक्षा पाकिस्तान के लिए सामरिक महत्व रखती है।' उन्होंने कहा, 'हमें हिंद महासागर की आर्थिक क्षमताओं का अंदाजा हुआ। यह दुनिया के 30 से ज्यादा देशों को समुद्र तट मुहैया कराता है। ना केवल यह एशिया के अहम इलाकों से संपर्क स्थापित करता है, बल्कि दक्षिणी एशिया, मध्य-पूर्व और अफ्रीका के लिए भी एक मुख्य संपर्क सूत्र है। यह ऑस्ट्रेलिया को यूरोप से जोड़ता है। सभी पक्षों के बीच सुरक्षा को लेकर नियमित रूप से बातचीत होनी चाहिए, यह बेहद अहम है।'
एक सम्मेलन के दौरान बोलते हुए अजीज ने कहा कि हिंद महासागर में सैन्यीकरण, विनाशक हथियारों के भंडारीकरण, विदेशी सेनाओं की मिसाइल क्षमताओं और ताकत के प्रदर्शन में हो रही वृद्धि, समुद्री डकैतियां, गैरकानूनी मछली पकड़ना, मानव और ड्रग्स व हथियारों की तस्करी, समुद्रीय प्रदूषण और जलवायु परिवर्तन समुद्र से जुड़ीं सबसे बड़ी चुनौतियां हैं। अजीज ने कहा, 'आने वाले समय में यह चलन और बढ़ जाएगा। पाकिस्तान को अपने राष्ट्रीय हितों का अंदाजा है और हम हिंद महासागर में अपनी क्षमताओं को और मजबूत करने पर ध्यान देंगे।'
पाकिस्तान ने जनवरी में परमाणु शक्ति संपन्न पनडुब्बी से लॉन्च किए जाने वाले क्रूज मिसाइल 'बाबर-III' का सफलतापूर्वक परीक्षण किया था। इससे पहले 2016 में भारत ने अपनी परमाणु क्षमता युक्त पनडुब्बी अरिहंत से न्यूक्लियर शक्ति संपन्न K-4 बलिस्टिक मिसाइल का परीक्षण किया था। अजीज का आरोप है कि हिंद महासागर के परमाणवीकरण के कारण क्षेत्रीय अस्थिरता का खतरा और बढ़ गया है। मालूम हो कि पाकिस्तान के पास 1,000 किलोमीटर से ज्यादा लंबी समुद्रीय सीमा है। अजीज ने कहा कि सर क्रीक को लेकर भी समुद्रीय सुरक्षा पर संकट मंडरा सकता है।