जब पंडे पुजारियों की सलाह, टोने टोटके सब बिफल हो जाएं तो दुख: निवारण के लिए बस इतना कर लें

पंडित चंद्रशेखर। कई बार ऐसा होता है कि आपकी तमाम कोशिशें आपको सफलता नहीं दिलातीं। आप मंदिरों में जाते हैं। घंटों लाइन में लगे रहते हैं। इष्टदेव को प्रसनन करने के लिए पाठ करते हैं, फिर भी लाभ नहीं होता। पंडे, पुजारी, ज्योतिषियों की सलाह सब बेकार लगने लगती है। जीवन से दुख और दरिद्रता दूर ही नहीं होती। दरअसल, यह आपकी कुछ ऐसी आदतों के कारण होता है जो इस आधुनिक युग में सामान्य हो गईं हैं। 

क्या है दरिद्रता
परमात्मा हर किसी को समान रूप से उत्तम अवसर प्रदान करता है परंतु अच्छे समय मे चरित्र के पतन की सबसे ज्यादा सम्भावना रहती है। एक बार भोग विलास और आराम की प्रवृति के कारण गलत संस्कार पड़े तो हम अपनी आदतों के गुलाम बन जाते है। फलस्वरूप पतित होते जाते है। इसी को कहते है दरिद्रता। कोई व्यक्ति आलसपन नही छोड़ पाता तो कोई व्यक्ति गलत खानपान। 

खान पान पर नियंत्रण रखें
सबसे पहले अपनी खानपान पर नियंत्रण करें। खानपान द्वारा ही जातक के पतन की शुरुआत होती है। शास्त्रों में जो उपवास आदि की विधि बताई गई है वह आपके आत्म नियंत्रण की एक प्रक्रिया है इससे फायदा ही होता है। संकल्पशक्ति बढ़ती है जो अच्छे आचरण को जन्म देती है और आपके इष्टदेव तक आपकी प्रार्थना पहुंचती है। इसीलिए कहा गया है 'जैसा खाओगे अन्न, वैसा रहेगा मन।'

अच्छे गुरू का चयन करें, नियमित मार्गदर्शन लें
सभी शास्त्रों मॆ गुरु को सबसे ज्यादा महत्व दिया गया है। गुरु अपने ज्ञान और सलाह द्वारा आपको जीवन जीने की कला सिखाता है। क्या करना, कैसे करना ये सब गुरु के द्वारा ही सम्भव है। गुरु की संगत में आपके पास जानकारी और ज्ञान का प्रकाश मिलता है। फलस्वरूप दरिद्रता का नाश होता है। गुरु आपके संस्कारों और विचारों की दरिद्रता नष्ट करता है। एक बार ये दरिद्रता गई तो आप हमेशा अमीर ही रहेंगे। गुरू का चयन सावधानी पूर्वक करें। जरूरी नहीं कि यह कोई साधु या संत हो परंतु वो सत्कर्मी हो, उसके पास ज्ञान और अनुभव हो, यह अनिवार्य है। 

नियमित रूप से सूर्य पूजा करें
सूर्य ऊर्जा और ज्ञान का भंडार है जीवन में निष्काम कर्मयोग, नियमितता तथा गतिशीलता का इससे बेहतर प्रेरणा देने वाला और कोई नही इसीलिये शास्त्रों में दरिद्रता, निरोग तथा दुखनाश के लिये सूर्यपूजा का विधान है। सच्चे मन से भगवान सूर्य को नमस्कार करना तथा जल अर्पण करना आपके जीवन में बेहतरीन परिवर्तन कर सकता है। आजकल हर पूजन में पाखंड ज्यादा है भाव कम इसीलिये किसी भी प्रकार के पाखंड से बँचे।
उपरोक्त उपाय छोटी अवश्य है किंतु आपके जीवन मॆ महत्वपूर्ण सफलता ला सकते है।
पंडित चंद्रशेखर नेमा "हिमांशु"
989328014
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