जबलपुर। 2 सहेलियों के बीच काफी घनिष्टता थी। वो खाना, पीना, पढ़ना, रहना सबकुछ साथ साथ करतीं थीं। 24 घंटे एक दूसरे के साथ रहतीं थीं। इनमें से एक की शादी तय हो गई। दोनों की परीक्षाएं चल रहीं थीं। उन्होंने पूरे पेपर दिए। फिर गायब हो गईं। अब उनकी लाशें भी एक साथ मिलीं हैं। दोनों शवों के हाथ बंधे हुए हैं, जैसे दोनों ने हाथ बांधकर नर्मदा में छलांग लगाई हो। लाशें भेड़ाघाट के सरस्वती घाट पर मिलीं हैं।
20 वर्षीय काजल सिंह और नेहा नामदेव जबलपुर के माढ़ोताल स्थित श्रीराम कॉलेज में इलेक्ट्रोनिक्स कम्यूनिकेशन विभाग में तीसरे वर्ष में अध्ययनरत थीं। दोनों सहेलियों 2 फरवरी को कॉलेज के लिए निकली थीं, लेकिन उसके बाद घर नहीं लौटीं। उनकी गुमशुदगी की रिपोर्ट पुलिस में कराई गई थी। माढ़ोताल पुलिस के अनुसार, लड़कियों की लोकेशन भेड़ाघाट पर मिली थी। उनके मोबाइल यहां 2 तारीख को शाम 4.40 बजे स्विच ऑफ हुए थे। मंगलवार सुबह दोनों की लाश सरस्वती घाट पर मिली। दोनों छात्राएं सतना जिले के मैहर की रहने वाली थीं। वे ITI के सामने किराये का कमरा लेकर पढ़ाई कर रही थीं। पहले पुलिस ने दोनों के अपहरण की आशंका जताई थी।
एग्जाम खत्म करके निकलीं थीं
जबलपुर ASP जीपी पाराशर के मुताबिक, दोनों के मोबाइल की कॉल डिटेल निकलवाई जा रही है। दोनों जबलपुर में ISBT के पास स्थित शिवधाम नगर में किराये के मकान में रहती थीं। इनके 2 फरवरी को एग्जाम खत्म हुए थे। काजल ने पापा को फोन लगाकर घर आने की बात कही थी। दूसरे दिन जब दोनों घर नहीं पहुंची, तो परिजनों ने उनके मोबाइल पर कॉल किया, लेकिन वो बंद मिले। दोनों अपने कमरे की चाबी मयंक नाम के एक युवक को देकर चली गई थीं।
मेहनत की कमाई से पढ़ा रहे थे बेटी को
नेहा की फैमिली मैहर की पुरानी बस्ती स्थित किला चौक में किराये के मकान में रहती है। उसके पिता रामनारायण नामदेव(45) टेलरिंग का काम करते हैं। वहीं मां मधु महर्षि स्कूल में प्यून हैं। नेहा की एक छोटी बहन पलक(12) और भाई सागर(18) है। वहीं काजल के पिता श्रीकांत मैहर में ही कटरा बाजार में एक होटल पर मजदूरी करते हैं।
दोनों में बहुत गहरी दोस्ती थी...
पड़ोसियों के मुताबिक दोनों के बीच काफी गहरी दोस्ती थी। दोनों ने मैहर के महाकाल स्कूल से 12वीं की थी। नेहा ने स्कूल में टॉप किया था। इसके बाद दोनों साथ ही इंजीनियरिंग करने जबलपुर गई थीं। वहां भी दोनों एक ही किराये के कमरे में रहती थीं। खाना-पीना, घूमना सबकुछ साथ में होता था। वे साथ ही जबलपुर आती-जाती थीं। उनका बाकी लोगों ने मिलना-जुलना और बातचीत कम होती थी। महाकाल स्कूल की प्रिंसीपल विनिता बड़ाेलिया के मुताबिक, दोनों के बीच काफी गहरी दोस्ती थी।