सारंगपुर। गुरुवार को जिले की वीसी में पंचायत विभाग के पीएस राधेश्याम जुलानिया ने सारंगपुर जनपद सीईओ माधुरी पटेल शर्मा को पीएम आवास में संतोषजनक काम नहीं करने पर निलंबित कर दिया। इस बात की सूचना लगते ही सरपंच, सचिव और सहायक सचिव जुलानिया के खिलाफ लामबंद हो गए और फैसले के विरोध में जनदप कार्यालय में तालाबंदी कर दी। फैसले के खिलाफ और सीईओ के समर्थन में जनपद का पूरा स्टॉफ आ गया। सरपंच, सचिव एवं रोजगार सहायकों ने पीएस जुलानिया के खिलाफ नारेबाजी कर रैली निकाली। रैली एसडीएम कार्यालय पहुंची और यहां रमेश पांडेय को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में कहा कि तीन दिन में सीईओ को बहाल नहीं किया तो वे हाईवे एनएच तीन पर प्रदर्शन करेंगे।
आंकड़ों में हकीकत कुछ अलग
वीसी की रिपोर्ट में जो दर्शाया है, उसमें पीएम आवास में जिले को 51वा नंबर दिया है। इसमें सारंगपुर को जिले में छटा स्थान मिला है। हकीकत में सारंगपुर हर क्षेत्र में दूसरे और तीसरे नंबर पर है। ज्ञापन में बताया कि सारंगपुर जनपद को 2507 पीएम आवास का लक्ष्य दिया था। इसमें से 1783 का रजिस्ट्रेशन हो चुका है और रजिस्ट्रेशन के मामले में जिले में तीसरे नंबर है। वहीं 1524 हितग्राहियों का जियो टेग कर दिया है। इसमें से 1393 को स्वीकृति है साथ ही 567 हितग्राहियों का एफटीओ कर दिया है। इस प्रकार सारंगपुर द्वितीय स्थान पर है, जबकि अन्य जनपद का काम सारंगपुर से भी बदतर हालत में हैं।
कार्रवाई के बाद सीईओ का बीपी बढ़ा
अचानक निलंबन की कार्रवाई के बाद सीईओ माधुरी शर्मा का बीपी बढ़ने के कारण उन्हें सिविल अस्पताल ले जाया गया। यहां डॉक्टरों की निगरानी में उनका प्राथमिक उपचार किया गया। सारंगपुर जनपद के अंतर्गत सबसे ज्यादा पीएम आवास ग्राम पंचायत भ्याना में 392 एवं तथा ईटावा ग्राम पंचायत में 118 स्वीकृत हुए थे। यह पर लगातार शिकायत होने के बाद बार-बार जांच दल बदलने के कारण दोबारा जांच की गई है। जो तहसीलदार एवं नायब तहसीलदार के पास है उनकी तरफ से अभी तक जांच प्रतिवेदन नहीं दिया गया है। जिसके कारण लक्ष्य के अनुसार प्रतिशत में सारंगपुर पिछड़ गया है। उल्लेखनीय है कि दोनों ग्राम पंचायतों की जांच कलेक्टर की नजर में भी थी। उन्होंने खुद भ्याना का दौरा कर अधिकारियों को दिशा-निर्देश दिए थे। लेकिन अभी तक भी जांच पूरी नहीं हो सकी है।
जाबकार्ड रिज्यूम नहीं होने से अटकी फाइलें
सारंगपुर जनपद के अंतर्गत जिन पंचायतों की पीएम आवास की फाइलें अभी तक अटकी हुई हैं, उनका प्रमुख कारण सारंगपुर जनपद से जो जाबकार्ड रिज्यूम के लिए भेजे थे। उन्हें अब तक रिज्यूम नहीं किया है। इस कारण फाइलें अटकी हुई हैं। जिले में कई बार मैसेज डालने एवं लिखित में पत्र भेजने के बाद भी मनरेगा शाखा राजगढ़ के अफसरों ने कोई कार्रवाई नहीं की।
ऑपरेटर ने 16 को दिया त्यागपत्र
जनपद पंचायत पीएम शाखा में एकमात्र प्रशिक्षित ऑपरेटर महेन्द्र बैरागी थे। जिन्होंने काम के बोझ के कारण 16 जनवरी को वे त्यागपत्र देकर चले गए। इस कारण आनन-फानन में अप्रशिक्षित ऑपरेटर से काम चलाया जा रहा है, जबकि इस संबंध में सीईओ श्रीमती शर्मा ने जिले के अफसरों को भी अवगत करा दिया था।
ज्ञापन सौंपने के दौरान जनपद अध्यक्ष प्रतिनिधि उपेन्द्र सिंह छावरी, रोजगार सहायक के प्रदेश अध्यक्ष रोशन सिंह परमार, सचिव संगठन के ब्लॉक अध्यक्ष पुखराज नागर, मनरेगा एसडीओ नरेन्द्र गर्ग, पंचायत समन्वयक पंडित हरिओम शर्मा,एपीओ ललित दुबे, मनीक्षी कसारे, घनश्याम दुबे,मोहन जगदाले,अनिल श्रीवास्तव,संजय खरे,सूरज मालवीय, दिनेश तिवारी, राजेश वर्मा, भगवान सिंह पुष्पद,सरपच रज्जाक मंसूरी, विक्रम सिंह तोमर, सचिव गोकुल मालवीय, श्यामबाबू शर्मा,जवाहरलाल पांचाल, फूलसिंह नागर, ब्रज पाटीदार, इमरान मेव, मनीष सेन, श्यामबाबू पाटीदार,मुकेश चंदेल, देवराज सेन, जितेन्द्र कल्मोदिया आदि मौजूद रहे।