रायपुर। भोपाल में गर्लफ्रेंड की हत्या कर मकान में दफन करने वाले उदयन दास के रायपुर वाले मकान में खुदाई के दौरान हड्डियां और एक खोपड़ी निकली है। इसके साथ एक सोने की चेन भी मिली है। इससे यह माना जा रहा है कि यह उदयन की मां की खोपड़ी हो सकती है। आरोपी ने कबूल किया था कि वह अपने माता-पिता को भी मारकर रायपुर वाले मकान में दफन कर चुका है। रविवार सुबह पुलिस उसे लेकर रायपुर पहुंची थी। उसकी निशानदेही पर यहां खुदाई शुरू की गई थी। अब पुलिस का कहना है कि हड्डियों को डीएनए टेस्ट के लिए भेजा जाएगा। इसके बाद ही तय होगा कि ये उदयन के पैरेंट्स की बॉडी हैं।
खुदाई के दौरान एक बोरी मिली है, जिसमें कुछ कपड़े और हाथ के पंजे की हड्डियां मिली हैं। कुछ औजार मिले हैं। माना जा रहा है कि इनका इस्तेमाल उदयन ने गड्ढा खोदने में किया होगा। बताया जा रहा है कि उदयन ने मां-बाप की हत्या सिर्फ इसलिए की, क्योंकि वे उसे नशा और फिजूल खर्च करने से रोकते थे। उधर बंगाल पुलिस ने यहां मीडिया के सामने दावा किया है कि उदयन साइको नहीं है। अब तक उसके साइको किलर होने की बात कही जा रही थी, लेकिन बंगाल पुलिस के एक अफसर इससे इनकार कर रहे हैं।
क्या है मामला?
पश्चिम बंगाल के बांकुरा में रहने वाले देवेंद्र कुमार शर्मा की बेटी आकांक्षा उर्फ श्वेता (28) की 2007 में उदयन नाम के लड़के से ऑरकुट पर दाेस्ती हुई थी। जून 2016 में घर से नौकरी करने की बात कहकर अाकांक्षा भोपाल आ गई। यहां वह उदयन के साथ साकेत नगर में रहने लगी। उसने परिवारवालों को बताया कि मैं अमेरिका में नौकरी कर रही हूं।
जुलाई 2016 के बाद आकांक्षा के परिवारवालों से बात होनी बंद हो गई। भाई ने नंबर ट्रेस कराया तो लोकेशन भोपाल की निकली। परिवार के लोगों को शक था कि आकांक्षा उदयन के साथ रह रही है। दिसंबर 2016 में आकांक्षा की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज हुई। एक महीने की जांच के बाद पुलिस उसके ब्वॉयफ्रेंड उदयन के घर पहुंची और उसे गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में उसने आकांक्षा की हत्या की बात कबूली। बाद में अपने माता-पिता की हत्या की बात भी बताई।
उदयन ने आकांक्षा की हत्या क्यों की थी?
आकांक्षा अपने एक दोस्त से फोन पर अक्सर बात करती थी। यह बात उदयन को नागवार गुजरती थी। 14 जुलाई 2016 की रात आकांक्षा और उदयन के बीच जमकर बहस हुई थी। आकांक्षा सो गई, लेकिन उदयन रातभर जागता रहा। मारने की प्लानिंग करता रहा। 15 जुलाई की सुबह वह आकांक्षा के सीने पर बैठ गया और तकिए से उसका तब तक मुंह दबाता रहा, जब तक कि उसकी सांसें नहीं थम गईं। इसके बाद भी उसका गुस्सा शांत नहीं हुआ। उसने हाथ से उसका गला घोंट दिया। बाद में उसने बॉडी को एक बॉक्स में बंद किया, फिर उसे एक बक्से में बंद करके उसमें सीमेंट भर दी। बक्से के ऊपर मारबल का चबूतरा बना दिया।
सभी फोटो: भूपेश केशरवानी/प्रवीण देवांगन/प्रमोद साहू