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श्री सक्सेना ने कहा कि एक तरफ तो भाजपा सरकार राशन दुकानों के माध्यम से प्रदेश की गरीब जनता को अच्छी क्वालिटी का गेहूं, चावल, शक्कर प्रदान करने में असफल हो रही है, गरीबों को मिट्टी, कंकर मिला गेहूं प्रदान कर रही है, दो माह से राशन दुकानों पर चावल, शक्कर का अभाव है, वहीं दूसरी ओर प्रदेश में उत्पादित उच्च क्वालिटी के विंध्यावैली उत्पादों के स्थान पर पतंजलि के उत्पाद राशन दुकानों के माध्यम से बेचने से क्या प्रदेश की इकाईयों पर कुठाराघात नहीं होगा?
श्री रवि सक्सेना ने कहा यदि प्रदेश के सहकारिता विभाग को राशन दुकानों के माध्यम से उत्पादों की बिक्री करवाना ही है तो पतंजलि उत्पादों के स्थान पर प्रदेश के खादी ग्रामोद्योग एवं स्व-सहायता समूहों द्वारा उत्पादित उत्पादों की बिक्री की करायी जाये, जिससे प्रदेश के लाखों लोगों को रोजगार उपलब्ध हो सके।