
BSF जवान तेज बहादुर यादव ने 9 जनवरी को फेसबुक पर एक वीडियो पोस्ट किया था। वीडियो में उसने जवानों को कथित तौर पर दिये जाने वाले खाने को दिखाया था। उसने दाल में सिर्फ हल्दी और नमक होने का दावा किया था। उसने साथ ही कहा था कि उन्हें जली हुई रोटी दी जाती है। यादव ने कहा था कि पाकिस्तान से सटे नियंत्रण रेखा समेत कई जगहों पर इस तरह का खाना दिया जाता है और कई बार जवानों को भूखे पेट सोना पड़ता है। वीडियो के सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद पीएमओ ने केंद्रीय गृह मंत्रालय और बीएसएफ से मामले की डिटेल रिपोर्ट मांगी थी।
कोर्ट तक पहुंचा मामला
इसके बाद सही खाना पकाये जाने और खाने के सही डिस्ट्रिब्यून के लिए ऑफिशियल्स की तैनाती का निर्देश सरकार को देने की मांग करने वाली एक जनहित याचिका दिल्ली
लेकर दिल्ली HC में एक जनहित याचिका दायर की गई। इस याचिका को दायर किये जाने के महज एक महीने के भीतर यादव की पत्नी शर्मिला और उसके परिवार ने दावा किया है कि यादव लापता है और वे उससे कॉन्टैक्ट नहीं कर पा रहे हैं।
यादव की पत्नी ने जवान के लापता होने की हाई लेवल जांच की मांग की है। साथ ही उसकी VRS के आवेदन को हाल में खारिज किये जाने का मामला भी उठाया है। बता दें BSF ने कहा था कि यादव के VRS की एप्लीकेशन को कैंसिल कर दिया गया क्योंकि उनके खिलाफ कोर्ट ऑफ इंक्वायरी पेंडिंग है।