मुख्यमंत्री आवास की बैठक में CEO ने सरपंचों भगाया, हंगामा

नितिन चौबे/दमोह। प्रदेश के मुख्यमंत्री जनभागीदारी बढ़ाने के लिए जन प्रतिनिधियों को शामिल करना चाहते हैं वहीं दमोह मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत दमोह ने मुख्यमंत्री आवास योजना पर आहूत की गई बैठक में से सरपंचों को बाहर निकाल दिया। प्रदेश मेें चल रहे मुख्यमंत्री आवास योजना के विशेष कार्यक्रम में जरूरत मंदों को योजना का लाभ दिलाने इस बैठक का आयोजन किया गया था। जिसमें स्वयं कलेक्टर श्रीनिवास शर्मा द्वारा योजना के बारे में बताया जाना था। 

हमारे बिना कैसी पूरी होगीं योजनाएं
बैठक में शामिल होने आए दमोह जनपद के सरपंचों ने कहा कि हमें बैठक में शामिल नहीं किया गया। जनता ने हमें चुना है और उनको योजना का लाभ दिलाना हमारा दायित्व है। बैठक में शामिल नहीं किए जाने पर सरपंचों ने रोष व्यक्त किया। ग्राम पंचायत बांसनी के सरपंच कृष्ण गोपाल उपाध्याय ने बताया कि हमें जनपद में होने वाली किसी भी बैठक में नहीं बुलाया जाता है, हर मंगलवार को जनपद पंचायत में बैठक का आयोजन किया जाता है परंतु बैठक में क्या हो रहा है इसकी जानकारी सरपचों तक नहीं पहुंचती। क्या हमारा हक नहीं है कि हम जान सकें कि जिस क्षेत्र की जनता ने हमें चुना है उसकी उन्नति के लिए बैठक में क्या निर्णय लिए जा रहे हैं। 

वहीं हरदुआ खुर्द सरपंच राजकुमार सिंह लोधी ने कहा कि सचिव और रोजगार सहायक बैठक में आते हैं परंतु हमें बैठक में लिए गए निर्णय के बारे में नहीं बताते। उन्होने कहा कि यदि किसी तरह के सर्वे का कार्य है या यह जानना है कि क्षेत्र में कितने परिवार योजना के लिए पात्र है तो संबंधित सचिव अथवा रोजगार सहायक प्रपत्र में निरंक जानकरी भेज देते हैं और योजना की जानकारी न होने के कारण हम अपने क्षेत्र के मतदाताओं को योजना का लाभ नहीं दिला पाते। 

इसलिए जरूरी है कि हमें भी बैठक में बुलाया जाए और बैठक में लिए जाने वाले निर्णय से हमें अवगत कराया जाए। ग्राम पंचायत का विकास सरपंच और सचिव को मिल कर करना है न कि सचिव और रोजगार सहायक अकेले ही ग्राम पंचायत का विकास करेगें। सरपंचों की बात पर सहमत होते हुए कलेक्टर श्रीनिवास शर्मा ने कहा कि सरपंचों को भी योजना की जानकारी होना जरूरी है तथा किस तरह योजना का क्रियान्वयन किया जावेगा इस बात की जानकारी भी उन्हें दी जाएगी। अब माह में एक बार सरपंचों को भी बैठक में शामिल किया जायेगा जिससे उन्हें योजनाओं की जानकारी मिल सके।

बैठक में घुसे सरपंच
सीईओ जिला पंचायत द्वारा सरपंचों को बैठक से बाहर करने के बाद जैसे ही कलेक्टर दमोह ने बैठक ली। उत्तेजित सरंपच बैठक में घुस गए और कलेक्टर दमोह को कहा कि हमें भी बैठक में बुलाया जाना चाहिए ताकि योजनाओं के क्रियान्यन से संबंधित जानकारी का हमें भी पता चल सके और योजनाओं को सही ढंग से क्रियान्वयन किया जा सके। सरंपचगणें ने कलेक्टर दमोह को ग्राम पंचायत की विभिन्न समस्याओं से अवगत कराया। उन्होने कलेक्टर को यह भी बताया कि जनपद पंचायत में बैठे बाबू किस तरह मानमानी करते हैं।

सालों से इंदिरा आवास डली अधूरी
एक ओर मुख्यमंत्री के निर्देश पर मुख्यमंत्री आवाया योजना पूरे जोर शोर से लागू की जा रही है तो वहीं जनपद में अभी भी 400 से ज्यादा कुटीरें ऐसी हैं जिनकी द्वितीय किस्त जारी नहीं की गई है। सरंपच ने कलेक्टर से अपनी शिकायत में कहा कि बार बार उपयोगिता प्रमाण पत्र देने के बाद भी संबंधित क्लर्क संजय पाण्डे द्वारा उन्हें परेशान किया जाता है और कुटीर की दूसरी किस्त अभी तक जारी नही की गई है।

कलेक्टर ने कहा नौकरी करनी है कि नहीं
सरपंचों की शिकायत सुन कर कलेक्टर दमोह द्वारा तत्काल संबंधित लिपिक को बुलाया गया और लिपिक को उसकी लापरवाही और कर्तव्यहीनता के लिए फटकार लगाते हुए कलेक्टर दमोह ने कहा कि तुम्हें नौकरी करनी है या नहीं। क्यों तुम जनप्रतिनिधियों को परेशान करते हो। कलेक्टर ने कहा कि आज के आज ही द्वितीय किस्त जारी हो जाना चाहिए। 

ये थे शामिल
जनपद दमोह में बैठक से बहार किए जाने पर कलेक्टर दमोह के समाने रोष प्रदर्शित करने वालों में कृष्ण गोपाल उपाध्याय, सरपंच बांसनी, राजकुमार सिंह लोधी सरपंच हरदुआ खुर्द, श्रीमति नेहा पटैल सरपंच मुढि़या, संतोष रानी सरपंच सिहोरा पड़रिया, हल्ले अठ्या सरपंच मुढ़ारी, लक्ष्मीरानी सरपंच हिनौती किशनगढ़ सहित जनपद पंचायत की गई ग्राम पंचायतों के सरपंच उपस्थित थे।

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