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सूत्रों का कहना है कि उद्योग विभाग के संयुक्त संचालक आरके जैन को सीएम हेल्पलाइन में दर्ज शिकायत को समाधान के बिना जबरिया बंद करने और समाधान ऑनलाइन में मुद्दा सामने आने की वजह से निलंबित करने के निर्देश दिए थे। विभाग इस पर कार्रवाई करता, इससे पहले ही वे सेवानिवृत्त हो गए थे। ये बात अधिकारियों ने मंगलवार को समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री को नहीं बताई।
इसी तरह पशुपालन विभाग को मुख्यमंत्री ने पिछली समाधान ऑनलाइन के दौरान सीएम हेल्पलाइन में दर्ज शिकायत पर कार्रवाई न होने को लेकर संयुक्त संचालक, उप संचालक से लेकर कारण बताओ नोटिस जारी करने के निर्देश दिए थे।
विभाग के प्रमुख सचिव अश्विनी राय ने मौके पर ही बता दिया था कि विभागीय स्तर पर कार्यवाही की गई थी, गलती बीमा कंपनी की ओर से हुई है। ये बात मंगलवार को पशुपालन विभाग के अधिकारियों ने मुख्यमंत्री को भी बताई थी लेकिन अधिकारियों से जवाब तलब करने के लिए नोटिस जारी न होने को लेकर मुख्यमंत्री ने नाराजगी जताई।