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पुलिस कस्टडी में मौत, DSP क्राइम और जेलर समेत 7 के खिलाफ FIR

भोपाल। क्राइम ब्रांच भोपाल पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए चैनलूट मामले के एक आरोपी की ग्वालियर के अस्पताल में हुई संदिग्ध मौत के मामले में भोपाल कोर्ट ने डीएसपी क्राइम, जेलर भोपाल, जेलर ग्वालियर समेत 7 पुलिस कर्मचारियों के खिलाफ एफआईआर के आदेश दिए हैं। 

एडवोकेट यावर खान के अनुसार इंदिरा नगर टीलाजमालपुरा निवासी मोेहसिन को पुलिस 13 जून 2015 को क्राइम ब्रांच भोपाल ले आई थी। मोहसिन को 19 जून को अदालत में पेश किया गया। जहां से उसे जेल भेज दिया गया। भोपाल जेल प्रशासन ने 23 जून को मोहसिन को दिमागी रूप से बीमार बताते हुए ग्वालियर के आरोग्य केन्द्र भेज दिया था। आरोग्य केन्द्र में अगले दिन 24 जून को मोहसिन की संदिग्ध स्थिति में मौत हो गई थी।

मृतक मोहसिन के परिजनों ने आरोप लगाया था कि पुलिस कस्टडी में हुई मारपीट के दौरान मोहसिन की मौत हुई है। इस मामले की न्यायिक जांच कराने के लिए भोपाल कोर्ट में एडवोकेट यावर खान ने याचिका दायर की गई थी। न्यायायिक जांच कर रहे एडीजे विपिन्द्र यादव की कोर्ट में मृतक मोहसिन का पोस्टमॉर्टम करने वाले डॉक्टर चंद्रशेखर ने अपने बयान में कहा था कि उनके पास मृतक का शव पोस्टमार्टम के लिए जिस समय लाया गया था उससे 24 से 72 घंटे पूर्व उसकी मौत हो चुकी थी। डॉक्टर के इस कथन को आधार मानते हुए कोर्ट ने जेल और पुलिस अधिकारियों के खिलाफ हत्या का प्रकरण दर्ज करने के आदेश दिए।

मृतक मोहसिन के परिजनों के वकील यावर खान ने बताया कि आज मंगलवार को एडीजे विपिन्द्र यादव ने मोहसिन की मौत के मामले में सात पुलिस कर्मचारियों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज करने के आदेश दिए हैं। इस मामले की जांच के उपरांत एडीजे यादव ने यह फैसला सुनाया है। आरोपियों में केंद्रीय जेल के जेलर एसबीएस भदौरिया, निर्मल राठौर, क्राइंम ब्रांच भोपाल डीएसपी डीएस चौहान और चार क्राइम ब्रांच आरक्षक शामिल हैं। 

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