
उन्होंने दलील दी कि याचिकाकर्ता के पति की कैंसर की बीमारी से मृत्यु के बाद परिवार की जिम्मेदारी सिर पर है। ऐसे में अनुकंपा नियुक्ति प्रदान की जानी चाहिए। जब आवेदन-निवेदन का असर नहीं हुआ तो न्यायहित में हाईकोर्ट आना पड़ा।
बता दें कि पांच अगस्त 2014 से पहले के मृतक बैंक कर्मचारियों के हजारों परिवार के सदस्य अनुकंपा नियुक्ति योजना से वंचित हैं। इसके लिए संगठनों ने कई प्रदर्शन भी किए। हाईकोर्ट के इस फैसले से एक बड़े विवाद का निराकरण हो गया।