रेप पीड़िता की संदिग्ध मौत: अखिलेश यादव के नजदीकी MLA पर लगाया था आरोप

Bhopal Samachar
सुल्तानपुर। सपा एमएलए अरुण वर्मा के खिलाफ गैंगरेप का आरोप लगाने वाली नाबालिग बालिका बीती रात घर से दूर पंचायत भवन के निकट घायल हालत में पाई गई। उसे पुलिस ने जिला अस्पताल में भर्ती कराया जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई है। इस मामले में पूरा इलाका जहां छावनी में तब्दील हो गया है वहीं पुलिस मामले की छानबीन में जुट गई है।

ये है पूरा मामला 
केस की सुनवाई कर रहे जस्टिस सुधीर कुमार सक्सेना ने विवेचना मे एमएलए को मिली क्लीन चिट को खारिज करने के बाद निचली अदालत द्वारा उनके खिलाफ अग्रिम विवेचना का आदेश न मानने पर उक्त आदेश पारित किया। कोर्ट के दखल के बाद विवेचक बदल दिया गया है। वहीं हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने गंभीर रुख अपनाया और कोर्ट ने पुलिस को दो हफ्ते में जांच कर रिपोर्ट विचारण अदालत में पेश करने का आदेश दिया था। 

कोर्ट ने पुलिस को हिदायत दी थी कि यदि विवेचना मे कोई खामी नजर आई तो जांच सीबीआई को सौंप दी जाएगी। इस बीच कोर्ट ने रानी लक्ष्मीबाई सम्मान कोष से पीड़िता को 7 लाख रुपए सहायता राशि भी दिए जानें का आदेश भी दिया था।

पीड़ि‍ता ने कलम बंद बयान में लिया था विधायक का नाम 
उधर, पीड़िता के वकील सुशील कुमार सिंह के अनुसार कोर्ट के आदेश पर सख्त सुरक्षा के बीच अन्य अभियुक्तों के खिलाफ चल रहे विचारण में पीड़िता ने 27 मई 2016 के अपने पहले के कलम बंद बयान का समर्थन किया है, जिसमें उसने विधायक अरूण वर्मा का नाम लिया था।

3 साल पहले का है मामला 
मामला सुल्तानपुर के कोतवाली थाने से जुड़ा है। 5 अक्टूबर 2013 को ग्राम चोरमा थाना जयसिंहपुर निवासी पीड़िता के पिता राजेद्र सिंह ने केतवाली थाने पर प्राथमिकी लिखाकर कहा कि वे लोग 18 सितम्बर 2013 को डॉक्टर के दिखाने सुल्तानपुर शहर आए थे, जहां से उनकी नाबालिग बेटी गायब हुई थी।

विधायक समेत 7 लोगों पर है आरोप 
पीड़िता के 6 अक्टूबर 2013 को बरामद होने के बाद 9 अक्टूबर 2013 को कोर्ट में उसका कलम बंद बयान हुआ, जिसमें उसने जयसिंह पुर विधानसभा सीट से समाजवादी पार्टी के विधायक अरूण वर्मा पर सात लोगों के साथ मिलकर गैंगरेप का आरोप लगाया। पीड़िता ने बयान में विधायक के अलावा पूनम यादव, धीरेंद्र, आशुतोष सिंह, मोनू खान, अंजुम खान, गुड्डू लाला व अनिता सिंह के भी घटना मे शामिल होना बताया।

पुलिस ने 2014 में निकाला था नाम 
सीओ सिटी वीपी सिंह ने जांच मे 2 फरवरी 2014 को विधायक अरूण वर्मा पूनम यादव व धीरेंद्र का नाम निकाल दिया। और अन्य लोगो के खिलाफ आरेपपत्र कोर्ट भेज दिया जहां अपर सत्र न्यायाधीश सप्तम सुल्तानपुर की कोर्ट मे उनका विचारण चल रहा है।

क्‍लीन चीट के खि‍लाफ दायर किया था प्रोटेस्‍ट पि‍टीशन 
पीड़िता ने विधायक व उनके दो साथियों को मिली क्लीन चिट के खिलाफ प्रोटेस्ट पिटीशन दायर किया जिस पर निचली अदालत ने अग्रिम विवेचना का आदेश दे दिया। जिस पर अमल नही हुआ। और इस बीच अन्य अभियुक्तों के खिलाफ विचारण तेजी से चल रहा है। थक-हार कर पीड़िता के पिता ने हाईकोर्ट की शरण ली।

कोर्ट के दखल के बाद कि पुलिस एमएलए की प्राइवेट आर्मी की तरह क्यों पेश आ रही है, गृह सचिव एमपी मिश्रा के हस्तक्षेप पर सुल्तानपुर एसपी ने विवचेना बदल कर नए आईओ का सौंप दी गई और पहले के विवेचक के खिलाफ कार्यवाही भी बढ़ा दिया है।

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