MP: अध्यापकों की तबादला नीति में ये परेशानियां हैं

जबलपुर। महिला, दिव्यांग अध्यापकों के अलावा करीब 19 साल से तबादले का इंतजार कर रहे पुरुष अध्यापकों को शिक्षा विभाग ने पहली बार तबादले की सौगात दी है। कुछ ऐसी बंदिशें भी लगा दी हैं, जो उनके लिए परेशानी बन गई है। दरअसल, तबादला नीति के तहत अध्यापक एक जिले से दूसरे जिले में तो तबादला करा सकेंगे लेकिन एक ब्लॉक से दूसरे ब्लॉक नहीं जा सकेंगे। यानी कोई अध्यापक कटनी या दूसरे जिले में पदस्थ है तो वह जबलपुर तो आ सकेगा। लेकिन कोई अध्यापक कुंडम या पाटन में पदस्थ है तो जबलपुर या पनागर ब्लॉक में अपना तबादला नहीं करा पाएगा।

ये है तबादला नीति और परेशानी
नई तबादला नीति के तहत महिला, दिव्यांग, बीमार अध्यापकों के अलावा पुरुष अध्यापकों को भी अंतर्निकाय संविलियन में शामिल किया गया है। सहायक अध्यापक, अध्यापक और वरिष्ठ अध्यापकों का निकाय जिला पंचायत ही है। इससे एक जिला से दूसरे जिले यानी एक निकाय से दूसरे निकाय में तबादले हो सकेंगे।
तबादले की ऑनलाइन प्रक्रिया 1 अप्रैल से शुरू होगी और 30 जून तक पूरी कर अध्यापकों की नई पदस्थापना कर दी जाएगी।
अध्यापकों को 20 खाली पद चुनने का ऑप्शन दिया जाएगा। जिसमें से वे अपनी पंसद का स्कूल चुन सकेंगे। अभी तक युक्तयुक्तिकरण किया नहीं। ऐसे हालात में खाली पदों की संख्या गिनी-चुनी ही मिलेगी।
स्कूल रिजल्ट व वरिष्ठता के आधार पर प्राथमिकता दी जाएगी।
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केस 1 -दिव्यांग हैं, 50 किमी दूर स्कूल
पनागर में रहने वाले एसपी रैदास दिव्यांग हैं। पिछले करीब 10 साल से मझौली ब्लॉक के देवरी नरगवां में वरिष्ठ अध्यापक के पद पर पदस्थ हैं। रोजाना 50 किमी का सफर कर स्कूल जाते हैं। तबादला नीति में अंतर्निकाय संविलियन के कारण शायद ही लाभ मिले।
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केस नम्बर 2-
जबलपुर में रहने वाली श्वेता कुसमानी कुंडम के पड़रिया स्कूल में सहायक अध्यापक हैं। पति भी शिक्षक हैं। उनकी 6 साल की बेटी और 85 साल के ससुर हैं। डायबिटीज पीड़ित श्वेता अपनी बेटी की बेहतर परवरिश के लिए कुंडम से जबलपुर ब्लॉक में तबादला चाहतीं है लेकिन तबादला नीति ने मंसूबों पर पानी फेर दिया।
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ऑनलाइन तबादला प्रक्रिया के तहत छंटे-छटाएं पद ही दिए जाएंगे। उसमें भी एक जिले से दूसरे जिले के लिए तबादले होंगे। अंतर्निकाय संविलियन के तहत एक ब्लॉक में यदि कोई 18 साल से पदस्थ हैं तो दूसरे ब्लॉक में नहीं आ सकेंगे।
मुकेश सिंह, प्रांतीय संयोजक, अध्यापक प्रकोष्ठ
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तबादला नीति से केवल निकाय परिवर्तन करने वालों को लाभ मिलेगा। जिनकी संख्या महज 5 प्रतिशत होगी। पुरुष अध्यापकों के साथ फिर छलावा किया है।
नरेन्द्र त्रिपाठी, जिला अध्यक्ष, राज्य अध्यापक संघ

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