भोपाल। मध्यप्रदेश कांग्रेस में इस साल कई बड़े बदलाव होंगे। शुरूआत नेताप्रतिपक्ष के चुनाव से हो गई है। कमलनाथ चाहते हैं कि प्रदेश अध्यक्ष बदल दिया जाए। सिंधिया चाहते हैं कि सीएम कैंडिडेट बना दिया जाए। इन सबके बीच कुछ विधायक चाहते हैं कि मप्र के प्रभारी मोहन प्रकाश को हटा दिया जाए।
कांग्रेस के एकता सम्मेलन में भी उनके खिलाफ नारेबाजी हुई थी, अब विधायक हाईकमान को पत्र भेजकर प्रदेश प्रभारी बदलने की मांग कर रहे हैं। पत्र में कहा गया है कि उनके रहने से प्रदेश में कांग्रेस कमजोर हो रही है। नेता प्रतिपक्ष के चयन के लिए विधायकों की बैठक में हाल ही में आए केंद्रीय पर्यवेक्षक अजय माकन के सामने प्रदेश के कुछ नेताओं ने खुलकर अपनी बात रखी।
सूत्रों के मुताबिक दिल्ली कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष और पूर्व केंद्रीय मंत्री अजय माकन पीसीसी में सभी एमएलए से मिलने के बाद जब होटल पहुंचे तो कई विधायक उनसे मिलने पहुंचे। उन्होंने इन विधायकों से अलग-अलग में नेता प्रतिपक्ष के साथ ही अन्य मुद्दों पर भी बातचीत की। सामूहिक रूप से मिलने पहुंचे कुछ विधायकों ने माकन को एक शिकायती पत्र सौंपा था, जिसमें मोहन प्रकाश के रवैये को लेकर शिकायत थी।
सूत्र बताते हैं कि मोहन प्रकाश के खिलाफ शिकायत पत्र पर विधायकों ने हस्ताक्षर भी किए हैं, लेकिन जिन एमएलए ने शिकायत सौंपी है, उनमें से कुछ विधायकों से जब संपर्क किया गया तो उन्होंने टिप्पणी से इनकार कर दिया। वहीं कुछ विधायकों ने नाम प्रकाशित न करने की बात कहते हुए पत्र की पुष्टि की है। इस पत्र को लेकर अजय माकन से भी संपर्क करने का प्रयास किया गया, लेकिन वे कई बार फोन लगाने पर भी उपलब्ध नहीं हो सके।
ऐसा नहीं है कि मोहन प्रकाश के रवैये को लेकर यह पहली शिकायत है, बल्कि हाल ही में नोटबंदी के कुप्रबंधन को लेकर आरबीआई के घेराव आंदोलन में भी कुछ कांग्रेस नेताओं ने राजधानी में केंद्रीय पर्यवेक्षक मुकुल वासनिक को घेर लिया था। वहां उनसे भीड़ में ही लोगों ने मोहन प्रकाश के कारण प्रदेश कांग्रेस कमजोर होने की बात कही थी।