
टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के मुताबिक भारतीय जवान सर्जिकल स्ट्राइक को अंजाम देने से 48 घंटे पहले ही एलओसी को पार कर पाकिस्तान की सीमा में घुस चुके थे और सही समय का इंतजार कर रहे थे। पाकिस्तानी सीमा में घुसने के बाद उन्होंने आतंकी लांचिंग पैड्स की रेकी की और आतंकियों के लांचिंग पैड्स को तबाह किया।
सर्जिकल स्ट्राइक में 19 पैरा कमांडोज का महत्वपूर्ण योगदान रहा था, जारी किये गये दस्तावेजों में सर्जिकल स्ट्राइक के दौरान की सभी एक्टविटी का ब्यौरा है। इन 19 पैरा कमांडोज में पैरा रेजिमेंट के 4th एवं 9th बटालियन के एक कर्नल, दो कैप्टन, पांच मेजर, एक सूबेदार, दो नायब सूबेदार, तीन हलवदार, एक लांसनायक और चार पैराटूपर्स ने मिलकर इस मिशन को अंजाम दिया था।
टीम में शामिल रहे नायब सूबेदार विजय कुमार एक दिन पहले ही गुलाम कश्मीर में प्रवेश कर चुके थे। उन्होंने वहां पहुंच कर आतंकियों की गतिविधि पर नजर रखी और सर्जिकल स्ट्राइक के दौरान आतंकियों के लांच पैड पर जमकर फायरिंग की। इस दौरान उन्होंने दो आतंकियों को मार गिराया। सर्जिकल स्ट्राइक में भेजी गई टीम में सेना के शॉर्प शूटर शामिल थे। वहीं पूरे ऑपरेशन पर कड़ी नजर भी रखी जा रही थी, जिसके लिये मानव रहित विमानों का सहारा लिया गया।
जवानों को मिला था सम्मान
26 जनवरी के मौके पर सर्जिकल स्ट्राइक में अहम भूमिका निभाने वाले जवानों को सम्मानित भी किया गया था। नियंत्रण रेखा के पार जाकर सर्जिकल स्ट्राइक करने वाली सेना की विशेष इकाई 4 और 9 पैरा के 19 सैनिकों को कीर्ति चक्र सहित वीरता पदकों से नवाजा गया जबकि उनके कमांडिंग अधिकारियों को युद्ध सेवा पदक से सम्मानित किया गया। नियंत्रण रेखा के पार आतंकवादियों के लांच पैड पर हमला करने वाली टीम का नेतृत्व करने वाले चार पैरा के मेजर रोहित सूरी को कीर्ति चक्र से सम्मानित किया गया जो शांति काल के दौरान दूसरा सबसे बड़ा वीरता पदक है।