
एक न्यूज चैनल से बातचीत के दौरान गुरमेहर ने कहा कि वीरेंद्र सहवाग के ट्वीट ने उनका दिल तोड़ दिया जिसके चलते उन्होंने कैंपेन छोड़ा है। गुरमेहर ने सुबह-सुबह कई ट्वीट किए जिसमें उसने खुद को कैंपेन से अलग करने की बात लिखते हुए कहा कि उन्हें जो कहना था कह चुकी हैं। उसने लिखा है, मैं कैंपेन से खुद को अलग कर रही हूं। सभी को बधाई, मैं अपील करती हूं की मुझे अकेला छोड़ दिया जाए। मुझे जो कहना था मैंने कह दिया।
अपने अगले ट्वीट में उसने लिखा है कि मैं बहुत सी चीजों से गुजर चुकी हूं और 20 साल की उम्र में इतना ही कर सकती हूं। हालांकि कैंपेन से खुद को अलग करने के बाद गुरमेहर ने दूसरों को इसे जारी रखने के लिए कहा है। उसने ट्वीट करने हुए लिखा है कि यह कैंपेन मेरे लिए नहीं बल्कि स्टूडेंट्स के लिए है। कृपया इस मार्च में बड़ी संख्या में शामिल हों। सभी को शुभकामनाएं।
एक अन्य ट्वीट में गुरमेहर ने लिखा है कि अगर कोई मेरे साहस पर सवाल उठाता है तो उसके लिए यही कहना चाहती हूं कि मैंने अपना साहस और दम जरूरत से ज्यादा ही दिखाया है लेकिन एक बात तय है कि अगली बार से हम किसी भी तरह की हिंसा या धमकी के खिलाफ आवाज उठाने से पहले सोचेंगे, बस इतनी ही कहना था।
बता दें कि राजमस कॉलेज में हुए विवाद के बाद गुरमेहर ने सोशल मीडिया पर एबीवीपी के खिलाफ कैंपेन शुरू किया था। इसके बाद उसे सोशल मीडिया पर ही दुष्कर्म की धमकियां मिलने लगी थीं। गुरमेहर कौर ने आरोप लगाया था कि उसे इस छात्र संगठन के सदस्यों से दुष्कर्म की धमकी मिली है। उसने इसकी शिकायत दिल्ली महिला आयोग से भी की थी। इसके बाद गुरमेहर को सुरक्षा मुहैया कराई गई।
इस बीच, इस पूरे मामले ने राजनीतिक रंग ले लिया और इस पर नेताओं के बयान आना शुरू हो गए। केंद्रीय मंत्री किरण रिजिजू ने सवाल किया कि "कौन इस लड़की के दिमाग को प्रदूषित कर रहा है? एक सशक्त सेना युद्ध रोकती है। भारत ने कभी किसी पर हमला नहीं किया लेकिन कमजोर भारत पर हमेशा हमला हुआ।"
वहीं, मैसूर (कर्नाटक) से भाजपा सांसद प्रताप सिम्हा ने तो गुरमेहर की तुलना अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम से कर डाली।
एबीवीपी ने वामपंथी विचारधारा वाले छात्र संगठनों के कथित राष्ट्र विरोधी गतिविधियों का समर्थन करने के विरोध में यहां रामजस कॉलेज से आर्ट्स फैकल्टी तक "तिरंगा यात्रा" निकाली। एबीवीपी के एक कार्यकर्ता ने बताया कि वे ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन (आईसा) के "राष्ट्र विरोधी नारे" का विरोध कर रहे हैं। जो कुछ जेएनयू में हुआ, हम उसे रामजस में नहीं होने देंगे।
इनके अलावा क्रिकेटर विरेंद्र सहवाग, अभिनेता रणदीप हुडा, रेसलर बबीता फोगट ने भी गुरमेहर के इस बयान को लेकर अपनी प्रतिक्रिया दी।
वहीं कांग्रेस और अरविंद केजरीवाल गुरमेहर के समर्थन में उतर आए। राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा कि भय और अत्याचार के खिलाफ हम अपने छात्रों के साथ खड़े हैं। असहिष्णुता और अन्याय के खिलाफ उठी हर आवाज में गुरमेहर कौर होगी।
जबकि कांग्रेस ने कहा कि जब एक महिला स्वतंत्र होकर सोचती है, पितृसत्तात्मक भाजपा मानती है कि उसका दिमाग प्रदूषित है। जब कोई व्यक्ति शांति की वकालत करता है तो भाजपा घृणा से जवाब देती।
अरविंद केजरीवाल ने भी गुरमेहर का समर्थन किया और कहा कि हमारी बेटियों और बहनों को दुष्कर्म की धमकी दी जा रही है, क्या यही भाजपा का राष्ट्रवाद है? ऐसे लोगों को धिक्कार।
यह है मामला
मालूम हो कि राष्ट्रद्रोह का सामना कर रहे जेएनयू के छात्र उमर खालिद को एक सेमिनार में आमंत्रित किए जाने को लेकर गत बुधवार को रामजस कॉलेज में दोनों छात्र संगठनों के कार्यकर्ताओं के बीच हिंसक संघर्ष हो गया था। तभी से यह मामला गरमाया हुआ है।