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दीनदयाल रसोई योजना इस योजना के तहत पांच रुपए में प्रत्येक व्यक्ति को स्वच्छ, सस्ता और पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराया जाएगा। पहले चरण में यह योजना प्रदेश के 51 जिला मुख्यालयों के नगरीय क्षेत्रों में क्रियान्वित की जाएगी। दूसरे चरण में योजना का विस्तार अन्य नगरीय क्षेत्रों में चरणबद्ध रुप से किया जाएगा। प्रत्येक जिला मुख्यालय पर नगरीय क्षेत्र में न्यूनतम एक स्थान पर योजना शुरु होगी। बड़े शहरों में जरुरत के मुताबिक एक से अधिक रसोई केन्द्र शुरु किए जाएंगे।
ये रसोई केन्द्र ऐसे स्थानों पर शुरु किए जाएंगे जहां शहरी गरीबों की आबादी ज्यादा हो, आश्रय स्थल या ऐसे व्यावसायिक केन्द्र जहां पर ज्यादा संख्या में शहरी गरीब काम करते हो वहां ये रसोई केन्द्र शुरु किए जाएंगे। स्थान का चयन नगरीय निकाय आयुक्त, मुख्य नगर पालिका अधिकारी द्वारा जिला कलेक्टर की सहमति के आधार पर किया जाएगा। जो दीनदयाल रसोई केन्द्र शुरु किए जाएंगे वहां स्मार्ट किचन, यंत्रो से भोजन निर्मित और वितरित करने की व्यवस्था की जाएगी। किचन आसानी से सफाई करने योग्य, हवादार और आधुनिक सुविधा युक्त रहेंगे।
इन रसोई केन्द्रों को बिजली और पानी नगरीय निकाय उपलब्ध कराएंगे। स्थान और भवन की व्यवस्था भी नगरीय निकाय करेंगे। केन्द्रों का संचालन गैर शासकीय, धार्मिक या स्वयंसेवी संस्था अथवा निजी व्यक्ति करेगा।
सरकार देगी पीडीएस का राशन
इन दीनदयाल रसोई केन्द्रों में भोजन तैयार करवाने के लिए राज्य सरकार गेहूं, चावल, नमक तथा शक्कर उचित मूल्य की दुकानों से उपलब्ध कराया जाएगा।
सुबह चार घंटे मिलेगा सस्ता खाना
इन रसोई केन्द्रों पर रोजाना सुबह 11 बजे से दोपहर तीन बजे के बीच पांच रुपए प्रति थाली के हिसाब से स्वच्छ और पोष्टिक भोजन उपलब्ध कराया जाएगा। इन केन्द्रों पर तय समय पर आने वाला एक भी व्यक्ति भोजन किए बिना नहीं लौटे ऐसी व्यवस्था यहां की जाएगी। भोजन में क्या-क्या परोसा जाए यह मैन्यू जिला स्तरीय समिति तय करेगी।
दान से चलेंगी दीनदयाल रसोई
दीनदयाल रसोई योजना के तहत चलने वाले रसोई केन्द्रों के संचालन में उद्योगपतियों, व्यवसाईयों, व्यक्तिगत और सामाजिक संस्थाओं से दान लेने की छूट रहेगी। दान देने वालों को आयकर छूट भी उपलब्ध रहेगी। पूर्व से नि:शुल्क या कम दरों पर भोजन उपलब्ध कराने वाली संस्थाओं को इन रसोई केन्द्रों को चलाने में प्राथमिकता दी जाएगी। ये केन्द्र रोजाना तय समय पर संचालित हो यह सुनिश्चित कराने की जिम्मेदारी संबंधित नगरीय निकाय के अधिकारियों की होगी। केन्द्रों के संचालन में लगने वाले पूंजीगत व्यय की राशि मुख्यमंत्री शहरी अधोसंरचना योजना के तहत कराई जाएगी।
भवन का उन्नयन, आधुनिक किचन का निर्माण, खाना पकाने और वितरण के बर्तन एवं उपकरण, बैठक व्यवस्था, जल, बिजली की उपलब्धता नगरीय निकाय देखेंगे। यदि संचालन के लिए अतिरिक्त राशि की जरुरत होगी तो संबंधित नगरीय निकाय अपने स्वयं के स्रोतों से करेंगे। इन केन्द्रों पर प्राथमिक उपचार और अग्निसुरक्षा उपकरण भी उपलब्ध रहेंगे।