भोपाल। मप्र के ताकतवर मंत्रियों में शुमार NAROTTAM MISHRA यहां छींक भी दें तो खबर बन जाती है, लेकिन इन दिनों यूपी के 19 जिलों का प्रभार संभाल रहे हैं। गांव-गांव, गली-गली खाक छान रहे हैं। यहां भाजपा के जिलाध्यक्ष से भी नहीं मिलते, वहां वार्ड अध्यक्ष के साथ सेल्फी खिंचा रहे हैं। जब माइक मिल जाए राहुल और प्रियंका गांधी को लेकर विवादित बयान भी देते हैं, फिर भी यूपी की मीडिया में कोई उन्हे तवज्जो ही नहीं दे रहा। कभी कभा खबरें छप जातीं हैं, लेकिन फोटो नहीं छप रहे।
मप्र की मीडिया से कहा: कुछ छापो भाई

24x7 धूल फांकने के बाद भी जब बड़े बड़े फोटो नहीं छपे तो शायद मंत्रीजी को मप्र के मीडिया घराने याद आए। आजकल जनसंपर्क मंत्री हैं। मप्र की सारी चापलूस मीडिया उनकी जेब में है। मंत्रालय मिलते ही कई मीडिया घरानों के बड़े बड़े बिल रोक दिए थे। जब तक वो दरबार में मुजरा करने ना आए गए, पेमेंट क्लीयर नहीं हुए। अब उन्हीं मप्र सरकार से वित्तपोषित मीडिया घरानों को संदेश दिया है कि 'कुछ छापो, कुछ दिखाओ, माहौल बनाओ, मप्र को बताओ, मंत्रीजी यूपी में भाजपा के लिए क्या क्या कर रहे हैं।' सिलसिला शुरू हो गया है।
सोशल मीडिया से सहारे भाषणबाजी

राजनीति में माहिर, सरकारी शक्तियों के स्वामी, मिलनसार और हेंडसम होने के बावजूद नरोत्तम मिश्रा एक अच्छे वक्ता नहीं हैं। वो समां नहीं बांध पाते। भीड़ को प्रभावित नहीं कर पाते। अध्ययन भी दूसरे पुराने भाजपाईयों जितना नहीं है। शायद इसीलिए सोशल मीडिया के सहारे सभाओं को संबोधित कर रहे हैं। यूपी की सोशल मीडिया में चल रहे जुमले कार्यकर्ताओं और सभाओं में सुना रहे हैं।