नई दिल्ली। केन्द्र सरकार मार्च महीने के आखिरी तक अपने 50 लाख कर्मचारियों और 58 लाख पेंशनभागियों के लिए 2 से 4 फीसदी महंगाई भत्ता (DA) बढ़ाने की घोषणा कर सकती है। महंगाई भत्ता और महंगाई राहत कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को उनकी आय पर मुद्रास्फीति के प्रभाव को कम करने के लिए दिया जाता है। श्रमिक यूनियनें हालांकि इस प्रस्तावित वद्धि से खुश नहीं हैं। उनका मानना है कि इससे मूल्यवद्धि के वास्तविक असर की भरपाई करने में मदद नहीं मिलेगी।
कन्फेडरेशन ऑफ सेंट्रल गवर्नमेंट एंपलॉइज के अध्यक्ष के. के. एन कुटटी ने कहा, केंद्र सरकार के सहमति वाले फार्मूला के तहत महंगाई भत्ता वृद्धि दो प्रतिशत होगी। यह एक जनवरी, 2017 से प्रभावी होगी। हालांकि, कुटटी ने इतनी मामूली वृद्धि पर निराशा जताते हुए कहा कि महंगाई भत्ता बढ़ाने के लिए बेंचमार्क माना जाने वाले औद्योगिक श्रमिकों का उपभोक्ता मूल्य सूचकांक वास्तविकता से दूर है।
उन्होंने कहा कि जिंस कीमतों में कितनी बढ़ोतरी हुई है उसको लेकर श्रम ब्यूरो और कृषि मंत्रालय में मतभेद हैं। सहमति वाले फॉर्मूले के तहत केंद्र महंगाई भत्ते में बढ़ोतरी खुदरा मुद्रास्फीति के 12 माह के औसत के आधार पर करता है। सरकार दशमलव बिंदु के बाद मूल्यवद्धि पर विचार नहीं करता। ऐसे में यह वृद्धि 2.95 प्रतिशत बैठने के बावजूद सरकार डीए को दो प्रतिशत बढ़ा रही है।