भोपाल। मप्र की राजधानी भोपाल के सरकारी स्कूल में पढ़ाने वाले एक अधेड़ शिक्षक पर 11 साल की छात्रा से ज्यादती का आरोप लगा है। वो पिछले 4 महीने से गंदी हरकतें कर रहा था। छात्रा गरीब परिवार से थी, इसलिए सबकुछ सहन करती रही। नतीजा शिक्षक के हौंसले बढ़ गए और उसने छात्रा से रेप करने की कोशिश की। इसे ईश्वर की मदद ही कहिए कि एन वक्त पर किसी ने दरवाजा खटखटा दिया और छात्रा की इज्ज्त बच गई।
अवधपुरी थाना क्षेत्र स्थित एक सरकारी प्राइमरी स्कूल के शिक्षक ने दूसरी कक्षा में पढ़ने वाली 11 साल की छात्रा से ज्यादती की। यह सिलसिला बीते चार महीने से चल रहा था। खुलासा बुधवार को हुआ, जब बच्ची रोते हुए घर पहुंची और परिजनों को आपबीती सुनाई। पुलिस ने आरोपी शिक्षक मोहन सिंह को गिरफ्तार कर धारा 376, 342 आईपीसी 5/6 में केस कायम किया।
बच्ची का परिवार सागर से आठ साल पहले यहां आया। पिता नहीं हैं। बच्ची की दो छोटी बहने हैं। एक छोटा भाई है। पड़ोस में ही बुआ रहती हैं। आरोपी टीचर के यहां बच्ची की मां ने काम किया। बच्ची भी साथ जाती थी।
पीड़िता ने बताया कि सर पहले मुझे बुलाते थे। कभी कान पकड़ते तो कभी पीठ पर मारते थे। उनका यह व्यवहार मुझे अच्छा नहीं लगता था। ये बात मां को बताने की कोशिश की लेकिन मां और भाई का कहना था कि तुम पढ़ाई नहीं करती होगी इसलिए मारते होंगे। मां को तीन बार बताने की कोशिश की। वह बोली- सर से बात करेंगे। मां सर के यहां काम करती थी। यदि मां सर को बताती तो सर और मारते। हमने मना कर दिया कि सर को कुछ नहीं बताना।
फिर.. सर अपने कमरे में झाडू लगाने बुलाते थे... मुझे लगता था कि जब इस काम के लिए अम्मा है तो सर मुझे झाडू लगाने क्यों बुलाते हैं। आज सर ने कमरे में झाडू लगाने बुलाया। मैं अपने साथ एक लड़की को लेकर उनके कमरे में गई। सर ने उसे भगा दिया। बाद में बोले- तुम झाडू लगाओ... इसके बाद सर ने कमरा बंद कर दिया... मेरे पास आए और अपने और मेरे कपड़े उतारकर मुझे खींच लिया...फिर मेरे मुंह पर हाथ रख दिया... इतने में दरवाजा खटखटाने की आवाज आई...। वो चिल्लाने लगे ठीक से काम नहीं करती... इसके बाद उन्होंने दरवाजा खोल दिया। मुझे धमकाया कि किसी को कुछ बताना नहीं वर्ना स्कूल से निकाल देंगे। इसके बाद मैं डरकर बुआ के पास गई। बुआ सो रही थी उन्हें जगाकर पूरी बात बताई। बुआ ने भाई को फोन किया, मां को बुलाया और फिर पुलिस को फोन किया...।
सबसे पहले हम सर के पास गए और वह हमें देखते ही भाग निकले
पीड़िता की मां ने बताया कि: मैं मोहनसिंह सर के घर दो साल से काम करती थी। उसके बड़े बच्चे हैं। जब भी बेटी मेरे साथ उनके घर जाती तो सब उसे बच्ची की तरह रखते थे। सर भी उसे अच्छे से बोलते थे। मैं भी उनसे पढ़ाई के बारे में पूछती रहती थी। वो बताते थे अच्छा पढ़ रही है। स्कूल में 25 बच्चे हैं। इसमें करीब 15 लड़कियां हैं। मेरी बच्ची दूसरी कक्षा में है। क्लास में सबसे बड़ी वही है। उसने दिसंबर में बताया था कि सर अच्छे नहीं है। झाडू लगवाते हैं। मारते हैं। पास बुलाकर डांटते हैं। मैंने सोचा कि पढ़ाई के लिए डांटते हैं। इसलिए बेटी की बातों में कभी ध्यान नहीं दिया। आज जब बदहवास सी घर आई, वह डरी हुई थी। साथ में उसकी बुआ थी। उसने वही बातें बताई जो बुआ को बताई इसके बाद हम सर के पास गए तो हमें देखकर भागने लगे। सर भाग गए तब हमें बेटी की बातों पर भरोसा हुआ और पुलिस के पास गए। हमें लगा आज मेरी बेटी के साथ हुआ कल दूसरे की बेटी के साथ ऐसा सुलूक करेगा।
मोहन सिंह दो साल से इस स्कूल में है। स्कूल में वह अकेला है। इसलिए इंचार्ज भी है। पहले वह अमरावद खुर्द में था। उसके पांच बच्चों में बड़ी बेटी की उम्र 30 साल है। उसकी पत्नी भी सरकारी स्कूल में शिक्षक है। डीईओ धर्मेंद्र शर्मा ने बताया कि पुलिस से रिपोर्ट मिलते ही सस्पेंड कर दिया जाएगा। स्कूल में 35 बच्चे हैं और दाे साल पहले ही स्कूल शुरू किया गया है। अभी केवल कक्षा एक व दो ही लगती हैं। इस क्षेत्र में स्कूल की कमी थी।