नई दिल्ली। यूपी में पहली बार नकल के खिलाफ एक बड़ी कार्रवाई सामने आई है। योगी सरकार ने 57 परीक्षा केंद्र निरस्त कर दिए हैं। यहां अब परीक्षाएं नहीं होंगी। इसके अलावा नकल माफिया के लिए काम कर रहे 111 परीक्षा केंद्र मैनेजरों, 178 निरीक्षकों और 70 से अधिक छात्रों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। यूपी के उप-मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा ने बुधवार की देर शाम नकल के मुद्दे पर अधिकारियों के साथ मीटिंग की। इसमें नकलवीहिन परीक्षा कराने पर जोर दिया गया। मीटिंग में सामने आई रिपोर्ट के आधार पर उप-मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि 57 केंद्रों पर तत्काल प्रभाव से परीक्षाएं रद्द की जाएं, इसके साथ ही नकल कराने के दोषी परीक्षा केंद्र मैनेजरों और निरीक्षकों के खिलाफ केस दर्ज किया जाए।
नकल पर नकेल कसने के लिए यूपी सरकार ने हेल्पलाइन नंबर जारी किया। इसके लिए कुछ फोन नंबर जारी किए गए हैं। 0522-2236760, इस नंबर सुबह 10 से 7 बजे तक कॉल किया जा सकता है। वहीं, 9454457241 नंबर पर कभी भी व्हाट्सएप किया जा सकता है। दोनों नंबरों पर मिली सूचना के आधार पर यूपी सरकार तत्काल कार्रवाई करने की योजना में है।
बड़े पैमाने पर काम करता नकल तंत्र
2015-16 के लिए यूनिफाइड डिस्ट्रिक्ट इंफॉर्मेशन सिस्टम फॉर एजुकेशन के आंकड़ों के मुताबिक माध्यमिक स्तर पर सूबे में हर 56 छात्रों पर एक शिक्षक उपलब्ध है, जबकि देश में ये औसत 27 छात्रों पर एक शिक्षक का है। तहकीकात में पता चला कि किस तरह स्कूल और सरकारी प्रशासकों का गठजोड़ छात्रों की उच्च शिक्षा पाने की हताशा को अपने फायदे के लिए भुना रहा है। किस तरह नकल का ये तंत्र कैसे काम करता है।
घूस के जरिए फिक्स किया जाता सब
मेरठ में रानी अवंतीबाई इंटर कॉलेज के प्रिंसिपल प्रेमचंद लोधी ने अपने घर में बताया कि बड़े पैमाने पर फैला नकल का ये तंत्र कैसे काम करता है। अंडर कवर रिपोर्टर्स से लोधी ने कहा कि घूस के जरिए सब कुछ फिक्स किया जाता है। परीक्षा केंद्रों को तय किए जाने से लेकर विषय विशेष के जानकारों से कैसे परीक्षा के प्रश्नों के जवाब लेने में मदद लेनी है, ये सब कुछ नकद नारायण से आसानी से संभव हो जाता है।