नई दिल्ली। 16 साल की आदिवासी लड़की ने समाज के उन ठेकेदारों को करारा जवाब दिया है जो बेटियों को बोझ समझने के साथ कम उम्र में ही उनकी शादी करवा देते हैं। पश्चिम बंगाल के छोटे से गांव पुरुलिया की रहने वाली नमिता महेतो अपने परिवार के खिलाफ जाकर अपनी शादी रुकवाने के लिए 12 किलोमीटर पैदल चल पुलिस थाने पहुंच गई।
11वीं कक्षा में पढ़ने वाली नमिता आगे पढ़ाई करना चाहती है, लेकिन उसका परिवार उस पर शादी करने का दवाब बना रहा है। लड़के वाले घर पर रिश्ता पक्का करने के लिए पहुंचने ही वाले थे कि नमिता घर से पैदल निकल कर थाने पहुंच गई, जहां पुलिस ने उसके परिवारवालों को भी बुलाया और एक एफिडेविड पर साइन कराया कि जबतक नमिता बालिग नहीं हो जाती, तब तक वो उसकी शादी नहीं कराएंगे।
नमिता ने पिता दिनेश और मां कंग्शा से अनुरोध किया कि वो निर्भयपुर गांव के पास गोपालनगर हाई स्कूल में पढ़ाई करना चाहती है, जिसके बाद परिवारवालों ने इसके लिए सहमति जता दी। नमिता के पिता एक गरीब किसान हैं और उसकी मां घर पर ही रहती हैं। नमिता के अलावा उसकी एक और 13 साल की बेटी भी है। बीडीओ सेन गुप्ता ने नमिता की तारीफ करते हुए उसे एक कपड़ों का सेट तोहफे में दिया और आश्वासन दिया कि उसकी पढ़ाई जारी रखने के लिए आगे कोई बाधा नहीं आने देंगे। इसके अलावा उन्होंने गांव में छात्रों को कंप्यूटर की शिक्षा देने की बात भी कही।