भोपाल। शुक्र हे भगवान का कि वो सबकुछ नहीं हुआ जो हो सकता था। संडे की सुबह भोपाल में भारी तबाही ला सकती थी। 141 कारखाने राख हो सकते थे, पेट्रोल पंप में ब्लास्ट हो सकता था लेकिन रविवार की अलसाई सुबह के 5 बजे कुछ लोग अपनी ड्यूटी पर सतर्क थे। तत्काल 10 से ज्यादा फायर ब्रिगेड मौके पर पहुंची और आरामशीन में लगी आग पर काबू पा लिया। यदि अमला थोड़ा लेट और हवा थोड़ी तेज होती तो चारों ओर तबाही का मंजर होता।
जब आग लगी तो क्षेत्र में अफरा तफरी मच गई। दो घंटे तक क्षेत्र के लोगों में दहशत रही। आग बढ़ती ही जा रही थी। लोगों डर था कि आग पूरे क्षेत्र में न फैल जाए। जिस स्थान पर आग लगी उससे 100 मीटर की दूरी पर पेट्रोल पंप है। आग पर यदि समय रहते काबू नहीं पाया जाता तो इस क्षेत्र में करीब आधा किमी क्षेत्र में फैले 141 कारखानों की लकड़ियां जल जातीं। बरखेड़ी, बाग फरहत अफजा, बाग उमराव दुल्हा, पुल बोगदा, भारत टॉकीज क्षेत्र में करीब दो लाख की आबादी है, जो इस आग से सीधे तौर पर प्रभावित होती।
जिला उद्योग केंद्र ने किया था सर्वे
आरा मशीनों के विस्थापन की प्रक्रिया 30 साल से चल रही है। 8 साल पहले चांदपुर में इनकी शिफ्टिंग की बात शुरू हुई। 4 साल तक कुछ नहीं हुआ। फिर जिला उद्योग केंद्र ने एक सर्वे किया। इसमें 141 आरा मशीनों को चांदपुर में शिफ्ट करने की बात हुई। जमीन आवंटन के बाद नगरीय विकास विभाग ने इसको डेवलप करने बीडीए को एजेंसी नियुक्त किया।
बीडीए को 60 करोड़ का इंतजार
चांदपुर में टिंबर व्यवसायियों को प्लॉट डेवलप करने के लिए बीडीए को साठ करोड़ रुपए का इंतजार है। उद्योग विभाग यह राशि नगरीय विकास विभाग को देगा और वहां से बीडीए को मिलेगी। मार्केट शिफ्ट होने के बाद खाली जमीन नगरीय विकास विभाग को मिलेगी। विभाग इस पर कोई अन्य योजना लेकर आएगा।