भोपाल। एकल परिवार में यह सबसे बड़ा खतरा होता है। मासूम बच्चों की हर क्षण देखरेख नहीं हो पाती और इस तरह की दुखद घटनाएं हो जातीं हैं। वो पिता को जान से भी ज्यादा प्यारी थी। उसकी 1 मासूम मुस्कान सारे घर में खुशियां बिखेर देती थी। 2 भाईयों की अकेली लाड़ली को सब पलकों पर बिठाकर रखते थे। आज मां ने कुछ देर के लिए नजर क्या हटाई, मासूम पांव पांव चलते हुए पानी से भरी बाल्टी में जा गिरी। डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
जानकारी के अनुसार ऐशबाग स्थित आचार्य नरेंद्र देव नगर में रहने वाले शाहिद शेख प्लास्टिक इंजीनियर हैं। वह अपने पत्नी सिमोनी पठान और बेटे मोआन (8) और मोहम्मद (6) के साथ रहते हैं। छोटी बेटी मरियम (1) थी । बुधवार को मरियम घर में खेल रही थी। मोआन टॉफी लेने घर से दुकान पर गया था। काफी देर बाद भी जब मोआन नहीं लौटा तो मां सिमोनी उसको देखने दुकान पर गई। इधर, घर में अकेली मरियम खिसकते-खिसकते पानी से भरी बाल्टी के पास पहुंच गई। जब सिमोनी घर पहुंची, तो मरियम का मुंह पानी से भरी बाल्टी में डूबा हुआ था। सिमोनी ने बच्ची को निकला और छाती से लगाकर अस्पताल की तरफ चीखती हुई भागी। उसके पीछे-पीछे पड़ोसी और रिश्तेदार भी अस्पताल पहुंचे, लेकिन डॉक्टरों ने मरियम को मृत घोषित कर दिया। मौत की खबर के बाद मां रो-रोकर बेसुध हो गई।
पिता बोलाः घटना से सबको सबक लेना चाहिए
मरियम के पिता शाहिद शेख बच्ची की मौत के बाद अपने आप को संभाल नहीं पा रहे हैं। उन्होंने बताया कि बेटी को वह अपनी जान से भी ज्यादा चाहते थे। वह जब काम से वापस लौटते थे , तो बच्ची की एक मुस्कान से वह सारी थकान भूल जाते थे। उनके रिश्तेदारों ने उनको मीडिया में इस घटना के बारे में जानकारी न देने की बात की, लेकिन उनका कहना था कि बच्ची के साथ जो हुआ, उसे लोगों को जानना चाहिए। घटना से सबक लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि छोटे- छोटे बच्चों को कभी अकेले नहीं छोड़ना चाहिए।