भोपाल। मप्र एक लाख महिला संविदा कर्मचारियों के साथ किये जा रहे शोषण पूर्ण व्यवहार के विरोध में आज पूरे प्रदेश की एक लाख महिला संविदा कर्मचारियों ने अपने कार्यस्थल पर काली पट्टी बांधकर कार्य करते हुये महिला शोषण विरोध दिवस मनाया तथा भोपाल में पुस्तक भवन अरेरा हिल्स के सामने प्रदर्शन किया। मप्र संविदा कर्मचारी अधिकारी महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष रमेश राठौर ने बताया कि मप्र में एक लाख संविदा महिला कर्मचारी/अधिकारी 10 से 20 सालों से संविदा पर कार्य कर रही हैं। प्रदेश के सभी विभागों में लाखों नियमित पद खाली रिक्त होने के बावजूद सरकार महिला संविदा कर्मचारियों को नियमित नहीं कर रही हैे।
नियमित कर्मचारियों से आधा वेतन दिया जा रहा है। प्रसूति अवकाश और चाइल्ड केयर लीव नहीं दी जा रही है। समान कार्य समान वेतन नहीं दिया जा रहा है। नियमित कर्मचारियों के समान वेतनमान और भत्ते नहीं दिया जा रहा है। जिससे प्रदेश के 54 विभागों में कार्यरत एक लाख महिला संविदा कर्मचारियों का शोषण किया जा रहा है। इसलिए मप्र संविदा कर्मचारी अधिकारी महासंघ ने महिला दिवस को संविदा महिला शोषण विरोध दिवस के रूप में मनाया है। जिससे सरकार संविदा महिला कर्मचारियों का दर्द समझ सके।
निम्न पदों पर महिला संविदा कर्मचारी अधिकारी कार्यरत हैं सहायक वार्डन, महिला सुपरवाईजर, डाटा एन्ट्री आपरेटर, क्लर्क, एकाउन्टेंट, प्रोग्रामर, उपयंत्री,, सहायक यंत्री, , बिजली परीक्षण सहायक, बिजली लाईन सहायक, डाक्टर, नर्स, कम्पाउन्डर, महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता, लैबटैक्निशियन आदि कई पदों एक लाख महिला संविदा कर्मचारी अधिकारी कार्य कर रही है । जिनका मानसिक, आर्थिक शोषण किया जा रहा है, जिसके विरोध में कल 8 मार्च को महिला दिवस के अवसर पर महिला शोषण विरोध दिवस मनाया है। जब तक महिला संविदा कर्मचारियों एवं सभी संविदा कर्मचारियों को नियमित नहीं कर देती है तब तक प्रतिवर्ष 8 मार्च महिला दिवस पर महिला शोषण विरोध दिवस ही मनाया जायेगा।