भगवान सूर्य अनंत ऊर्जा ,निरोग तथा निष्काम कर्म योग के कारक है। धनु लग्न मॆ ये भाग्य के स्वामी भी होते है। भगवान सूर्य ग्रहों के राजा है। यदि ज्योतिष की बात न भी की जायें तो बगैर सूर्य के जीवन की कल्पना असम्भव है। जो व्यक्ति भगवान सूर्य का ध्यान चिंतन अनुसरण करता है वह सहजता से ही जीवन मॆ उच्च स्तर, अच्छा जीवन तथा आत्मीक शांति प्राप्त कर लेता है। स्वामी विवेकानंद का जन्म 18 जनवरी तथा बाबा रामदेव का जन्म 25 दिसम्बर कॊ हुआ।दोनो का धनु लग्न है। दोनो ने अध्यात्म तथा ज्ञान का प्रकाश पूरे विश्व मॆ फैलाया। जिस तरह सूर्य के निकलने पर सारे जगत मॆ उजाला होता है उसी तरह जिस व्यक्ति का सूर्य बलवान होता है वह पूरे संसार मॆ नाम कमाता है।
बाबा रामदेव का जन्म 25 दिसम्बर 1965 कॊ हरियाणा मॆ हुआ। उनका लग्न धनु है धनु राशि का चिन्ह आधा घोड़ा तथा आधा मनुष्य जो धनुष लेकर निशाना साध रहा है। घोड़ा शारीरिक रूप से चुस्त प्राणी है। इसिलिये धनु लग्न वाले व्यक्तियों की सेहत काफी अच्छी रहती है। शस्त्र कला तथा शारीरिक सौष्ठव के प्रति ये काफी जागरूक रहते है। बाबा रामदेव के लग्न मॆ सूर्य स्थित है यानी उनका भाग्य सूर्य जैसा है। लग्न का स्वामी गुरु व्यापार स्थान मॆ जाकर लग्न व सूर्य कॊ देख रहा है।
गुरु सनातन धर्म तथा सूर्य राज्य का कारक है इसीलिये योग विद्या तथा सुबह योग के द्वारा इन्होने मानव जाती कॊ हष्टपुष्ट तथा चुस्त रहने के लिये प्रेरित किया।
गुरु इनकी पत्रिका मॆ राज़योग बना रहा है। 2003 से लगी गुरु की दशा ने इन्हे आस्था चेनल के योग कार्यक्रम द्वारा लोकप्रिय कर दिया।
गुरु कॊ दशा परम योगकारी राज़योग का संकेत दें रही थी जिस कारण इन्होने योग,राजनीति मॆ प्रभाव तथा व्यापार मॆ अपनी पताका फहरा दी। गुरु की दशा इनको 2019 तक रहेगी। इसके पश्चात लगने वाली शनि की दशा विपरीत रहेगी।
पंडित चंद्रशेखर नेमा"हिमांशु"
9893280184