
सिंह राशि के सूर्य पर कुम्भ राशि के गुरु की सातवीं दृष्टि प्रबल भास्कर योग की रचना कर रही है। जिसके कारण इन्हे मान सम्मान व कीर्ति मिली। भाग्य का स्वामी मंगल पराक्रम स्थान मॆ स्थित होकर अपनी मूल त्रिकोण राशि मेष कॊ भाग्य स्थान मॆ देख रहा है। जिससे उनका भाग्य परम प्रबल है। मोहन भागवत कॊ 2014 से परम कारक गुरु की दशा लगते ही भाजपा केन्द्र मॆ सत्तारूढ़ हो गई ये किसी भी संघ संचालक के सबसे ज्यादा गौरव की बात थी।
इसी दशा मॆ उत्तरप्रदेश तथा पूर्वांचल मॆ भाजपा के प्रभाव मॆ वृद्धि हुई। उसने पूर्व के चार राज्यों मॆ अपनी सरकार बना ली यह भी मोहन भागवत के लिये गौरवमयी बात थी। मोहन भागवत कॊ गुरु की यह दशा 2030 तक चलेगी जिसमे ये और भी गौरवशाली उपलब्धियों कॊ पायेंगे। मोहन भागवत के नेतृत्व मॆ संघ कीर्ति के उच्च स्तर कॊ छूएगा।
पंडित चंद्रशेखर नेमा"हिमांशु"
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