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बैठक में सदस्यों ने राय दी कि शासकीय शालाओं में शौचालयों और अन्य बुनियादी सुविधाओं के लिये नगरीय एवं पंचायत निकायों की मदद ली जाये। शाला उपकर राशि का भी पूरा-पूरा उपयोग किया जाये। तय हुआ कि शालाओं में सौर ऊर्जा के उपयोग के लिये प्रत्येक ब्लॉक में एक शाला का चयन पॉयलट प्रोजेक्ट के तौर पर किया जाये।
राज्य में स्कूल की शिक्षण व्यवस्था पर बेहतर तरीके से निगरानी रखी जा सके, इसके लिये विभागीय मंत्री की उपस्थिति में प्रत्येक तीन माह में कम से कम एक संभाग में एक बैठक अनिवार्य रूप से हो। बैठक में स्थानीय विधायकों को भी आमंत्रित किया जाये। निर्देश दिये गये कि शिक्षण व्यवस्था के संबंध में राज्य शासन स्तर पर जो स्वीकृतियाँ होती हैं उनकी जानकारी आवश्यक रूप से स्थानीय जन-प्रतिनिधियों को दी जाये। बैठक में स्कूल शिक्षा सचिव श्रीमती दीप्ति गौड़ मुखर्जी, आयुक्त लोक शिक्षण श्री नीरज दुबे, आयुक्त राज्य शिक्षा केन्द्र श्री लोकेश जाटव एवं विभागीय अधिकारी मौजूद थे।